RANCHI: क्भ् साल से इसी तालाब पर हमलोग हर काम करते आ रहे हैं। लेकिन दो-तीन साल से तो लोग इस तालाब के पीछे ही पड़ गए हैं। दो साल पहले तालाब में मिट्टी भरकर रोड चौड़ा किया गया था। फिर बरसात के पहले पूरा तालाब सुखा दिया, अब फिर से तालाब सुखाया जा रहा है। पता नहीं हमलोगों का क्या होगा। नहाने से लेकर कपड़ा धोने तक हर काम तो इसी तालाब पर करते हैं। यह कहना है रिम्स तालाब के पास रहने वाले महादेव टोप्पो का। कुछ ऐसा ही हाल टुनकी टोली स्थित तालाब का भी है। इसे भी सौंदर्यीकरण के नाम पर सुखाया जा रहा है।

तो गर्मी में क्या होगा

राजधानी रांची में इन दिनों तालाबों में जो पानी भरा है, उसे डीजल पंप लगाकर सुखाया जा रहा है। नगर निगम द्वारा तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। लेकिन अभी जो पानी सुखाया जा रहा है, इसके बाद कहां से पानी आएगा। जाड़े में इन तालाबों में पानी कहां से आएगा। वहीं, गर्मी में तो पानी के लिए त्राहिमाम मच जाएगा। सबसे अधिक परेशानी गर्मी में होगी जब लोग बिना पानी को तरसेंगे। इन दोनों तालाबों के आस-पास जो बस्ती है और रिम्स में बाहर से आने वाले लोग इसी तालाब पर निर्भर रहते हैं। उनका क्या होगा। इसका अल्टरनेट उपाय नगर निगम को करना चाहिए।

नीचे गया वाटर लेवल

टुनकी टोली के तालाब का पानी सुखाने के बाद उस एरिया में रहने वाले लोगों को आने वाले दिनों में भारी परेशानी होने वाली है। इस एरिया में बडे़- बडे़ अपार्टमेंट बने हैं, जहां लोगों ने डीप बोरिंग करा रखा है। तालाब में पानी रहने के कारण उस पूरे एरिया में पानी का लेयर मेंटेन रहता है। अगर तालाब ही सूख गया, तो डीप बोरिंग भी बेकार हो जाएगी।

हमलोग बेबस हैं

टुनकी टोली तालाब के पास रहने वाले अशोक टोप्पो तालाब को सुखाए जाने से काफी परेशान हैं। कहते हैं कि पिछले क्भ् साल से अधिक समय से हमलोग इस तालाब में नहाने से लेकर कपड़ा धोने तक हर काम करते आ रहे हैं। पीने का पानी दूसरी जगह से लाते हैं। लेकिन बड़ा-बड़ा अधिकारी आया और तालाब को सुखाना शुरू कर दिया। हमलोगों ने पूछा कि हमारा क्या होगा, तो कोई जवाब नहीं देता है। और पानी को सूखा दे रहा है। हमलोग पूरी बस्ती के लोग इस तालाब पर निर्भर हैं, लेकिन हमलोगों की सुनने वाला कोई नहीं है।

रिम्स तालाब ही आते हैं

रिम्स में अपने परिवार का इलाज कराने के लिए तमाड़ से आई सुंदरमनी देवी अपना कपड़ा वहीं तालाब में धो रही थी। तालाब सुखाते देख कर उदास हैं। कहती हैं हमलोग बाहर से इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन सारा काम इसी तालाब से करते हैं। अब इसको सूखा देगा तो हमलोग का करेंगे।