RANCHI: न लाइट न रिफ्लेक्टर, सड़क पर बेकाबू वाहनों का कहर। जी हां, शुक्रवार की सुबह पुंदाग ओपी एरिया के कटहलमोड़ में एक बेकाबू वाहन की चपेट में आकर स्कूटी सवार युवक की फिर जान चली गई। यह बात और है कि पुलिस प्रशासन सड़क सुरक्षा सप्ताह मना रहा है। इसके बावजूद सड़कों पर बिना लाइट व रिफ्लेक्टर के वाहनों का कहर लगातार जारी है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान भी पुलिस प्रशासन इन मौतों को रोकने में नाकाम रहा।

रांची की जानलेवा सड़कें, डरा रहे आंकड़े

राजधानी में वर्ष 2016 से मार्च 2017 तक सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चौंकाने वाले आए हैं, जिसने रांची यातायात पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। यातायात पुलिस इन दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में काम करना शुरू कर दी है। राजधानी होने की वजह से रांची राज्य का सबसे व्यस्त यातायात वाला शहर है, जिसकी वजह से गाडि़यों की आवाजाही भी ज्यादा है और सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े भी कुछ यही बयां कर रहे हैं, जो चौंकाने वाले हैं। वर्ष 2016 से अगस्त 2017 तक लगभग 1250 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इन सड़क दुर्घटनाओं में 695 लोगों की मौत हो गई, जबकि 600 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इन आंकड़ों पर रांची जिले के ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह ने चिंता जताते हुए कहा कि दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। ट्रैफिक एसपी कि मानें तो यातायात नियमों का पालन दुर्घटना के आंकड़ों में कमी ला सकता है।

रोड पर चल रहे, तो जरा संभलकर

राजधानी की सड़कों पर चलना किसी खतरे से खाली नहीं है। यहां चलते वक्त कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी वजह से आपको अपनी जान से हाथ धोना पड़ जाए। राजधानी में सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। क्योंकि यहां प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं। किसी की मौत हो रही है तो किसी के अंग भंग हो रहे हैं।

केस-1

नगर निगम की गाड़ी ने साइकिल सवार को रौंदा

6 दिसंबर, 2017: पंडरा ओपी क्षेत्र में हेहल अंचल कार्यालय के समीप पिस्का मोड़ से झिरी में कचरा डंपिंग के लिए जा रही निगम की बड़ी गाड़ी ने एक साइकिल सवार को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में साइकिल सवार की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित आसपास के लोगों ने ओटीसी ग्राउंड के समीप रांची-डालटनगंज पथ एक घंटे जाम कर दिया था।

केस-2

ट्रेनी कार ड्राइवर ने ले ली बुजुर्ग की जान

9 दिसंबर, 2017: चुटिया में एक ट्रेनी ड्राइवर की वजह से एक बुजुर्ग को अपनी जान गंवानी पड़ी। बुजुर्ग घर से बाजार ताला खरीदने के लिए जा रहे थे। घटना चुटिया के निवारणपुर एरिया की है। पुलिस ने उक्त इंडिका कार को जब्त कर लिया। आरोपी की तलाश जारी है।

केस-3

रफ्तार ने ली तीन स्टूडेंट्स की जिंदगी

7 अक्टूबर, 2017: इटकी थाना क्षेत्र के पालम गांव के पास सडक हादसे में तीन स्कूली छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। तीनों छात्र मांडर से मुड़मा मेला देखकर अपने हॉस्टल लौट रहे थे, तभी बीच सडक ब्रेक डाउन पड़े ट्रक से टकरा गए। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।

क्यों होते हैं हादसे

- सबको रहती है जल्दी

- ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना

- राइट के बदले लेफ्ट साइड से गाडि़यों को निकालना

- 20 के बदले 40 और 70 की स्पीड में गाड़ी चलाना

- सड़कों के किनारे अतिक्रमण

- बड़े वाहनों पर शहर में प्रतिबंध नहीं लगना

- स्कूली बसों का रूट मेन रोड में होना, कनेक्टिंग रोड का न बनना

- सिर में हेलमेट नहीं पहनना

- शराब पीकर वाहन चलाना

- लहरिया कट दिखाना

क्वोट

यातायात पुलिस लोगों को यातायात के बारे में जानकारी देने के लिए समय-समय पर कैंप लगाती है। लेकिन, लोग यातायात नियमों का पालन करने के बजाय मनमाने ढंग से गाडि़यां चलाते हैं, जिसकी वजह से हादसे होते हैं।

-राधा प्रेम किशोर, ट्रैफिक डीएसपी टू, ट्रैफिक पुलिस रांची