- शहर की हर सड़क का हाल है बेहाल, आई नेक्स्ट ने चार मेन सड़कों का जाना हाल
- हर कदम पर मिले गड्ढे, बदहाल सड़कों को सुधारने को डीएम ने 15 सितम्बर तक का दिया है वक्त
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स्पॉट-1
रवीन्द्रपुरी रोड
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की सड़कों का हाल बुरा है लेकिन इससे भी बुरा हाल उस रोड का है जहां पीएम का संसदीय कार्यालय है। यानि रवीन्द्रपुरी। इस रोड पर कई गढ्डे हैं लेकिन सबके खराब हालत चौराहे की है। इसकी वजह से पूरे इलाके का नक्शा ही बदल गया है।
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सिगरा-महमूरगंज रोड
सिगरा-महमूरगंज रोड की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। गिनती करने पर इस पर कुल 17 बड़े गढ्डे मौजूद मिले। छोटे गढ्डों की तो गिनती ही नहीं है। इसके बाद बताने की जरूरत नहीं कि इस रोड पर चलने में क्या हालत होती है।
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पुलिस लाइन- पाण्डेयपुर रोड
शहर के वीआईपी इलाके की इस सड़क की हालत एक अरसे से खराब है। बनाने की कोशिश जरूर हुई लेकिन बरसात ने सब सत्यानाश कर दिया। पुलिस लाइन गेट से पाण्डेयपुर फ्लाईओवर के नीचे से होकर गुजरी एक किमी सड़क देखने के बाद अंदाजा हो जाता है कि बनारस में सड़क नहीं है।
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बेनियाबाग रोड
शहर के मध्य में मौजूद इस इलाके से हर रोज हजारों लोग असल बनारस देखने जाते हैं। घाट, विश्वनाथ मंदिर और कई दूसरे इंपार्टेट प्लेस इसी रास्ते से होकर जाते हैं। एक महीने हुई जोरदार बारिश ने इसका सत्यानाश कर दिया। रोड कई जगहों पर धंस गयी है।
सिटी की इन चार रोड्स का हाल ये
बताने के लिए काफी हैं कि शहर में एक महीने हुई जोरदार बरसात में सड़कें बह गयीं। सभी पर ढेरों गढ्डे हैं, गिट्टी उखड़ गयी है। कोई रोड ऐसी नहीं बची जिसपर हिचकोले खाये बगैर एक कदम भी चला जा सके। सड़कों की इतनी खराब हालत इसलिए है कि क्योंकि इनमें निर्माण में मानक की अनदेखी की गयी। तारकोल और गिट्टी आदि का इस्तेमाल ऐसा हुआ कि थोड़ी बारिश ने नुकसान पहुंचा दिया।
साहब तो सख्त लेकिन काम हो तब न
शहर की खस्ताहाल सड़कों के दिन जल्द ही बहुरेंगे ऐसी आस तो जगी है। बारिश के बाद बर्बाद हो चुकी सड़कों को सुधारने के लिए डीएम विजय किरन आनंद आगे आये हैं। उन्होंने 15 सितम्बर तक सड़कों की हालत सुधारने का आदेश दिया है। डीएम ने साफ कहा है कि सड़कों के निर्माण के वक्त गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। कहीं भी गड़बड़ी मिली तो मिली जिम्मेदार व्यक्ति जेल के अंदर होगा। डीएम ने शहर की खस्ताहाल सड़कों का आंकलन कर उसकी मरम्मत का काम एक सितम्बर से शुरू करने का आदेश दिया है। डीएम का कहना है कि काम की निगरानी करने वो खुद सुबह और रात को निकलेंगे।
बीमारी दे रही हैं सड़के
- बारिश के बाद शहर की हर सड़क खराब है
- एक किमी चलाने पर हर ही सड़क पर दर्जन भर से ज्यादा गड्ढे मौजूद हैं
- इन सड़कों पर वाहनों डेली से आने-जाने वालों को हेल्थ की प्रॉब्लम हो रही हैं
- कमर और गर्दन का दर्द आम समस्या है
- डॉक्टरों की मानें तो डेली जो लोग खराब सड़कों पर चल रहे हैं उनको स्पांडिलाइटिस की प्रॉब्लम हो सकती है
बढ़ गया मेनेटेनेंस का खर्च
- सड़कें खराब होने से लोगों की जेब भी हल्की होने लगी है
- कार और बाइक वालों को वाहन की सर्विसिंग वक्त से पहले करानी पड़ रही है
- कार और बाइक के शॉकर जल्दी खराब हो रहे हैं
- चेन भी जल्दी लूज हो रही है, जिसके कारण चेन स्पाकिट कट जा रहा है
- खराब सड़कों के कारण ट्यूब पंचर होने की प्रॉब्लम भी बढ़ गई है
- जिसके कारण हफ्ते में एक बार गाड़ी को मैकेनिक के पास ले जाना ही पड़ रहा है
धूल ने किया जीना मुश्किल
- सड़कों की खस्ताहाली अब ज्यादा खटक रही है
- बारिश बंद होने के बाद हर सड़क पर धूल उड़ रही है
- बगैर मुंह कवर किए निकलने पर लोगों को सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही है
- बच्चों को इस हाल में लेकर निकलने से लोग बच रहे हैं
- ऊपर से बड़ी गाडि़यों के आने से हाल और खराब हो जाते हैं
बदहाल सड़कों को ठीक करने के लिए 15 सितम्बर तक का वक्त दिया गया है। इन सड़कों की गुणवत्ता भी चेक कि जाएगी। जिसके लिए मैं खुद निकलूंगा। अगर कहीं से कोई शिकायत मिली तो फिर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी।
विजय किरन आनंद, डीएम
बरसात के बाद शहर की सड़कों का हाल हर साल ऐसा ही होता है। इसकी वजह है निर्माण के दौरान घटिया मैटिरियल का यूज होना। अगर निर्माण के वक्त ही मानकों का पालन किया जाए तो हो सड़कों का ये हाल नहीं होगा
आशुतोष गुप्ता, सिगरा
प्रशासन को चाहिए कि हर साल बारिश के पहले सड़कों को अच्छे से बनवाये। जितना बजट आये सड़क निर्माण में उसका पूरा यूज हो बंदरबाट न हो। बदहाल सड़केौं बजट के बंदरबाट का नतीजा हैं।
रोशन सिंह, लंका
पीएम के संसदीय क्षेत्र की सड़कों का बदहाल होना ये बताता है कि बनारस में विकास कार्य की रफ्तार बहुत धीमे है। इसे तेज करना होगा। जिसकी शुरुआत अच्छी सड़कों से हो तो बेहतर है।
सुमित सिंह, रवीन्द्रपुरी