- मॉनसून की पहली बरसात के बाद ही खोदकर बनाई गई सड़कों की हालत हुई खराब, कई जगहों पर धंसी तो कई जगहों पर बैठने लगी

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ: मॉनसून की पहली फुहारों ने भले पब्लिक को गर्मी और उमस से राहत दे दी हो लेकिन इस बरसात से सड़कों पर खतरा मंडराने लगा है। खतरा वह भी चलते-चलते पाताल लोक जाने का। दरअसल दो दिनों की बरसात के कारण हाल ही के दिनों में खोदकर बनाई गई सड़कों के धंसने का सिलसिला शुरू हो गया है। वरुणा पार इलाके के पहडि़या, अकथा, पुराना आरटीओ और आशापुर में एक लेन की सड़कें कई जगहों से धंस रही हैं। इसके कारण इस रोड से गुजरने वाले लोग एक ही लेन से चल रहे हैं। वहीं सिगरा, महमूरगंज, नगर निगम रोड समेत कमच्छा पर भी हाल ही में बनी सड़क बैठने लगी हैं।

जल्दीबाजी का है नतीजा

जनवरी से लेकर जून में मॉनसून आने से पहले तक शहर के कई इलाकों में खोदाई का काम जारी था। कुछ इलाकों में खोदाई का काम खत्म हुआ तो डीएम के आदेश को पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं ने सड़कों को जल्दबाजी में बना डाला। इस जल्दीबाजी का ही नतीजा है कि सड़के धंसने लगी हैं। क्योंकि एक्सप‌र्ट्स की मानें तो खोदाई के बाद खोदी गई जगह को कम से कम तीन महीने के लिए ऐज इट इज छोड़ना होता है ताकि मिट्टी सेट हो जाये और जमीन बैठे या धंसे न। लेकिन इस नियम को ताक पर रखकर किए गए काम का ही नतीजा है कि सड़क अब धंसने लगी है। डीएम प्रांजल यादव का कहना है कि सड़कों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। अगर कहीं कोई कमी हुई है तो जांच कराई जाएगी।

अगर मानते तो शायद

- बरसात के दौरान सड़कों के धंसने की प्रॉब्लम पिछले कुछ सालों से जारी है

- इसकी वजह है सड़कों की चल रही खोदाई

- सीवरेज और ड्रेनेज के लिए चल रही खोदाई अब भी जारी है

- खोदाई का काम कुछ सड़कों पर पूरा हो गया है जिसके बाद सड़कें बनी हैं

- अगर सही तरीके की बात करे तो खोदकर सड़कों को

- महमूरगंज रोड पर पिछले साल हुई खोदाई के बाद बनी सड़क पिछली बरसात में धंसी थी

- इस बार सिगरा, पाण्डेयपुर, पहडि़या, पुराना आरटीओ रोड और आशापुर में बनी खोदकर बनी सड़क धंस रही है

- सिगरा में पिछले महीने ही खोदकर बनी सड़क बैठती जा रही है

- जिसका नतीजा है कि सड़क के बीचों बीच बड़ा सा गढ्डा हो गया है

- ये गढ्डा गाडि़यों के लोड से दिनों दिन बैठता जा रहा है

- जो हादसे का सबब भी बन सकता है