RANCHI : मंगलवार को धनतेरस की खरीदारी के लिए जब लोगों की भीड़ सड़कों पर उतरी तो हर तरफ जाम का ही नजारा दिख रहा था। वैसे तो दिनभर खरीदारी को लेकर गहमागहमी बनी रही, पर शाम म्.फ्0 बजे से रात आठ बजे शहर का नजारा कुछ ऐसा था, मानो वह रेंग रहा हो। खासकर मेन रोड में एक-एक कदम आगे बढ़ने के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ रही थी। भीड़ को संभालने में ट्रैफिक पुलिस के भी पसीने निकल रहे थे। ऐसे में आई नेक्स्ट ने धनतेरस बाजार के नजारे का जायजा लिया।

चर्च कॉम्प्लेक्स

मेन रोड स्थित चर्च कॉम्पलेक्स में भीड़ इतनी हो चुकी थी कि लोगों को पैदल चलने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा था। इस कॉम्प्लेक्स के पहले एंट्री गेट पर एक तरफ इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का स्टॉल तो दूसरी ओर दोनों साइड बाइक की कतार लगी हुई थी। ऐसे में लोगों का आगे बढ़ना तक मुश्किल हो गया था। कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर में स्थित चारों ज्वेलरीज शॉप में जाने के लिए लोगों की कतार लगी हुई थी। ऐसे में गैलरी में चलना लोगों के लिए दूभर हो गया था। चर्च कॉम्प्लेक्स के फ‌र्स्ट फ्लोर पर भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। तनिष्क शोरूम में इतनी भीड़ थी कि लोगों को बाहर निकलने के लिए इंतजार करना पड़ गया।

हनुमान मंदिर, मेन रोड

मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर और चर्च रोड की दुकानों में धनतेरस की खरीदारी करने के लिए इतनी भीड़ उमड़ गई कि चाहकर भी लोग कदम आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। मेन रोड में तो किसी तरह लोग बाइक को निकाल तो ले रहे थे, पर चर्च रोड में पैदल चलना भी मुश्किल जान पड़ रहा था। एक तरह स्थायी बर्तन की दुकानों ने सड़क घेर लिया था तो यहां अस्थायी बर्तन की भी कई दुकानें सड़कों के किनारे सजी हुई थीं, जिसका परिणाम रहा है कि घंटों तक यहां लोग रेंगते रहे।

एचबी रोड

मेन रोड के बाद अगर कहीं खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ी तो वह था एचबी रोड। यहां रोड के दोनों किनारे में बर्तनों की दर्जनों दुकानें सजी हुई थी। खासकर थड़पकना में जिस कदर जाम का नजारा दिखा, वह शहर में शायद ही देखने को मिला। दस कदम आगे बढ़ने के लिए लोगों को आधे घंटे तक का समय लग गया। अल्बर्ट एक्का चौक से लालपुर चौक तक जाम कुछ ऐसा था कि लोग इसमें घंटों फंसे रहे।

र्कुलर रोड

सर्कुलर रोड में भी शाम में गाड़ी तो दूर पैदल चलना मुश्किल हो गया था। लालपुर चौक से हरिओम टावर तक सड़क पर लोग चल नहीं रेंग रहे थे। खासकर तनिष्क शोरूम के पास तो गाड़ी खड़ा करना दूर, खुद को खड़ा रखना मुश्किल जान पड़ रहा था। यहां किसी तरह लोग आगे बढ़ रहे थे।