- महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट को जाने वाले रास्ते की हालत है बद से बदतर

- IPDS के तहत हुई खोदाई के बाद अब तक गलियां न बनने से और बिगड़े हैं हालात

VARANASI

अपने प्रिय के बिछड़ने के बाद उसे मोक्ष दिलाने के लिए लोग दाह संस्कार करने श्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट आते हैं। लेकिन मोक्ष के इन रास्तों पर एक नहीं हजारों दुश्वारियों से उनका सामना होता है। वजह इन दोनों घाटों तक जाने वाले रास्तों के हालात इतने खराब हैं कि यहां से गुजरना किसी चैलेंज से कम नहीं है। गलियों की खस्ता हालत हो या फिर ओवर फ्लो सीवर और अतिक्रमण ने यहां तक पहुंचने वाले रास्ते को इस कदर बर्बाद किया है कि शव लेकर आने वाले लोग यहां तक पहुंचने में खीज जाते हैं।

खोदकर छोड़ दी सड़क

मणिकर्णिका घाट को लेकर पीएम मोदी खुद काफी गंभीर हैं। कई बड़े नेताओं का यहां किसी न किसी शव यात्रा में अक्सर आना होता है। लेकिन इसके बाद भी चौक से अंदर एंट्री लेते ही खोआ गली से लेकर घाट तक के रास्ते की हालत इस कदर बिगड़ चुकी है कि इस रास्ते को खुद मोक्ष की दरकार है। हालात ये है कि कचौड़ी गली मोड़, ब्रहनाल सब्जी मंडी के पास और यहां से लेकर सतुआ बाबा आश्रम तक का रास्ता बहुत ही बुरी हालत में है। वजह है पिछले दिनों गली में हुई आईपीडीएस के तहत खोदाई। अंडर ग्राउंड वायरिंग के चक्कर में पूरी गली को खोद दिए जाने के बाद अब तक गली बनी नहीं है। वहीं सीवर भी कई जगहों से डैमेज होने के कारण सुबह शाम सीवर का पानी गली में बहता रहता है। जिसकी वजह से पूरी गली नरक से भी बदतर बन जाती है। वहीं हरिश्चन्द्र घाट जाने वाले रास्ते पर अवैध रुप से वाहनों का खड़ा होना और गंदगी के कारण इस ओर से गुजरना भी मुश्किल हो चुका है। प्रशासन की दोनों घाटों को लेकर बनी उदासीनता मोक्ष के इन रास्तों को बर्बाद कर रही है और कोई इस ओर ध्यान भी नहीं दे रहा है।

ये हाल है घाट का

- गली है खस्ताहाल

- स्ट्रीट लाइट प्रॉपर नहीं करती वर्क

- सीवर सुबह शाम रहता है ओवरफ्लो

- गंदगी से पूरी गली बजबजाती रहती है

- कीचड़ के कारण डेड बॉडी लेकर आने वाले गिरते पड़ते हैं

- घाट पर भी गंदगी इतनी है कि पूछिये मत

- हरिश्चन्द्र घाट का पूरा रास्ता बुरी तरह से अतिक्रमण की जद में है

बहुत खराब हालत है इस रास्ते की। बिजली की तार डालने के बाद अब तक गली नहीं बनी है। जिसके कारण रोज डेड बॉडी लेकर आने वाले चोटिल हो रहे हैं।

निहोरी यादव, स्थानीय निवासी

वीआईपी सड़क होने के बाद भी कोई इस ओर ध्यान नहीं देता है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पता नहीं कब ये रास्ता बेहतर होगा।

अजय मोहले, स्थानीय निवासी