- तीन दिन पहले मेयर ने दिया था मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा की सड़कों के पैचिंग का आदेश

- 24 घंटे बाद भी सड़कों की नहीं हुई पैचिंग

- शहर के सभी विसर्जन मार्गो में केवल गड्ढे ही गड्ढे

GORAKHPUR: मेयर डॉ। सत्या पांडेय ने दो सितंबर को नगर निगम के अधिकारियों को मूर्ति विसर्जन के पहले विसर्जन शोभायात्रा के सभी रास्ते की पैचिंग कराने का निर्देश दिया था। उन्होंने रास्ते की सफाई के भी निर्देश दिए थे। लेकिन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनके आदेश को गंभीरता से नहीं लिया। आई नेक्स्ट टीम ने सोमवार को मूर्ति विसर्जन के रास्ते का मुआयना किया तो नगर निगम की लापरवाही सामने आ गई। प्रतिमा विसर्जन के रास्ते पर केवल गड्ढे ही गड्ढे नजर आए। मूर्ति विसर्जन मंगलवार शाम से होगी। ऐसे में इन गढ्डों के कारण अगर कोई हादसा होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम होगी.

बक्शीपुर

मूर्ति विसर्जन की संख्या- 50

घासीकटरा से बक्शीपुर आने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण रास्ता है। जाफरा बाजार, उंचवा, घासीकटरा, इलाहीबाग, नरसिंहपुर सहित कई अन्य मोहल्लों में रखी जाने वाली मूर्तियां इसी रास्ते से विसर्जन के लिए जाती हैं। यह रोड कुछ जगह पर अच्छी है तो कुछ एरिया में केवल गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। सामान्य दिन में इस रास्ते पर गाडि़यों की स्पीड बहुत कम होने के बाद भी झटका तेज लगता है। ऐसे में मूर्तियां ले जाते समय क्या हालत होगी।

बहरामपुर

मूर्ति विसर्जन की संख्या- 30

राप्ती नदी के उस पार बंधे पर यह रास्ता बनाया गया है। बंधे के आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों का यह प्रमुख रास्ता है। इस रास्ते पर इस्माइलपुर, इलाहीबाग, बहरामपुर सहित एक दर्जन से अधिक गांवों और मोहल्लों में स्थापित मूर्तियां इसी रास्ते से डोमिनगढ़ या राजघाट पर विसर्जन के लिए जाती हैं, लेकिन इस रोड को बनाने की बात आती है तो नगर निगम पीडब्ल्यूडी पर और पीडब्ल्यूडी नगर निगम पर जिम्मेदारी डाल देता है। बंधे पर लगभग दो किमी तक सड़क दिखती ही नहीं है।

ावर्ट बंधा

मूर्ति विसर्जन की संख्या- 20 से 25

सिटी से सटा यह बंधा आवागमन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। यहां से केवल लोग ही नहीं आते हैं, बल्कि लालडिग्गी, रेती, साहबगंज सहित कई अन्य मार्केट के व्यापारियों का भी सामान यहीं से आता-जाता है। बसंतपुर, लालडिग्गी, मिर्जापुर, साहबगंज सहित कई अन्य एरिया में रखी हुई मूर्तियां इसी रास्ते से राजघाट में विसर्जन के लिए जाती है, लेकिन कुछ दिन में यह रास्ता सही तो कुछ जगहों पर गड्ढों में तब्दील हो गया है। गड्ढे भी इतने बड़े हैं कि छोटी गाड़ी का पूरा पहिया ही अंदर चला जाएगा।

सिटी में 500 से अधिक मूर्तियां स्थापित

जिला प्रशासन के रिकार्ड में सिटी में सबसे अधिक मूर्ति दुर्गा पूजा में स्थापित की जाती हैं। इसके अलावा सरस्वती प्रतिमा, छठ प्रतिमा के साथ-साथ गणेश प्रतिमा भी स्थापित की जाती है। इस बार शहर में लगभग 500 गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है, हालांकि इसमें अधिकांश ऐसी प्रतिमा है जो मोहल्लों में रखी हुई है। यह सभी प्रतिमा राजघाट पुल के पास राप्ती नदी में और डोमिनगढ़ में रोहिन नदी में विसर्जित होती है।