-रोडवेज की अधिकतर बसों के विंडो में नहीं है मिरर

-सफर के दौरान पैसेंजर्स को झेलनी पड़ रही हैं सर्द हवाएं

VARANASI : यदि आप रोडवेज बस से सफर करने का मूड बना रहे हैं तो अपने पास मफलर स्वेटर भी साथ रख लीजिए। क्योंकि दशहरा के बाद से ही ठंड महसूस होने लगी है। लेकिन रोडवेज की ओर से डैमेज बसेज का अब तक रिपेयरिंग नहीं कराया जा सका है। हालत ये है कि अधिकतर बसेज की विंडो में मिरर नहीं है। इससे इन बसेज में सफर के दौरान पैसेंजर्स को सर्द हवाएं झेलनी पड़ रही है।

खटारा हो चुकी हैं बसेज

हेडक्वार्टर की ओर से रोडवेज पैसेंजर्स की फैसिलिटीज बढ़ाने के लिए डेली कुछ न कुछ प्लैनिंग होती रहती है। लेकिन वाकई में जो फैसिलिटीज पैसेंजर्स को मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही। लांग रूट्स की रोडवेज बसेज से लेकर सिटी तक में बसेज डैमेज कंडीशन में चल रही हैं। बस की विंडो में मिरर नदारद है। इससे पैसेंजर्स खिड़की के पास बैठने से कतरा रहे हैं। यहीं नहीं बसेज में फर्श के साथ-साथ सीट भी डैमेज हो चुकी है। लेकिन रोडवेज ऑफिसर्स का इस ओर ध्यान ही नहीं जा रहा है।

सैकड़ों बसेज में नहीं है मिरर

रोडवेज बसेज सिर्फ नाम की रह गई हैं। इनमें पैसेंजर्स बस किसी तरह सफर कर रहे हैं। पैसेंजर्स से किराया तो वसूला जाता है लेकिन फैसिलिटीज के नाम पर कुछ भी अवेलेबल नहीं होता है। गाजीपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, शक्तिनगर रूट की बसेज की विंडो में मिरर नहीं है। यहीं नहीं लॉग रूट्स में इलाहाबाद, गोरखपुर, कानपुर तक की बसेज की भी सेम कंडीशन है। इन दिनों ठंड के मौसम में इन रूट पर चलना पैसेंजर्स के लिए काफी कष्टकारी साबित हो रहा है।

हजारों डेली करते हैं सफर

यह हाल तब है जबकि रोडवेज बसेज से डेली हजारों पैसेंजर्स सफर करते हैं। कैंट रोडवेज बस स्टेशन से दिल्ली तक पैसेंजर्स सफर करते हैं। देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा के चलते एक्स्ट्रा बसेज भी चलाई गई हैं।

पैसेंजर्स की इस परेशानी को देखते हुए डैमेज बसेज की रिपेयरिंग कराई जा रही है।

आरसी दुबे

एआरएम, रूरल रोडवेज बस स्टेशन, कैंट