-बिना fog light के दौड़ रही हैं रोडवेज की अधिकतर बसेज, हादसा होने का बना रहता है खतरा

-विंडो पर मिरर भी नदारद, कोहरे में ठंड से कांपते हुए सफर करने को मजबूर हो रहे हैं यात्री

VARANASI

Scene-1

बनारस से सोनौली जाने के लिए काशी डिपो की बस यूपी 65 एआर 1846 कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर लगी। गोरखपुर के रास्ते सोनौली को जाने वाली इस बस में फॉग लाइट नहीं थी। जबकि आजमगढ़ के रास्ते गोरखपुर में कोहरा बनारस से कहीं अधिक पड़ता है।

Scene-2

बनारस से गाजीपुर के लिए रेडी गाजीपुर डिपो की बस यूपी 65 डीटी 3960 बस में पीली फॉग लाइट नहीं थी। वहीं विंडो के मिरर भी बैक साइड से डैमेज थे। पैसेंजर्स को सर्द हवाएं कितनी परेशान की होंगी यह आप समझ सकते हैं।

Scene-3

बलिया जाने के लिए बस नंबर यूपी म्भ् एआर फ्0फ्भ् कैंट रोडवेज स्टेशन पर पहुंची, बस में फॉग लाइट नहीं और कई विंडोज पर मिरर भी डैमेज थे। अंदर-बाहर से बस की हालत बिल्कुल खस्ताहाल रही।

कोहरे संग ठंड ने अब अपना एहसास कराना शुरू कर दिया है। यदि आप रोडवेज बस से सफर करने का प्लैन बना रहे हैं तो अपने साथ शॉल व स्वेटर भी रख लीजिएगा। क्योंकि जब रोडवेज बस सड़क पर पहुंचेगी तो ठंडी हवाओं का झोंका आपको ठिठुरने को विवश कर देगा। ऊपर में दिये गये तीनों सीन्स महज एक बानगी भर हैं। शक्तिनगर-सोनभद्र रूट को यदि छोड़ दिया जाए तो बाकी हर रूट पर चलने वाली रोडवेज बसेज में फॉग लाइट नहीं है। खिड़कियां शीशे बिन सूनी-सूनी लग रही हैं। रोडवेज के ड्राइवर्स व कंडक्टर्स खुद मान रहे हैं कि बसेज में खिड़कियों पर ग्लास नहीं होने से सर्द हवाएं बस के अंदर बैठे पैसेंजर्स को ठिठुरने के लिए मजबूर कर दे रही हैं। साथ ही बिना फॉग लाइट के दौड़ रही बसेज के एक्सिडेंट होने का भी खतरा बना रहता है।

लंबी दूरी की बसेज खस्ताहाल

कैंट स्थित रोडवेज बस स्टेशन से निकलने वाली लगभग हर बस की कंडीशन खराब है। छोटी दूरी से लेकर लंबी दूरी की बसेज में विंडो पर मिरर नदारद है। रोडवेज बस स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर छह पर गुरुवार को खड़ी मिली सोनभद्र डिपो की बस में बैक सीट के दोनों तरफ के विंडो पर ग्लास नदारद मिले। जबकि आजमगढ़ रूट की बस में भी महिला सुरक्षित सीट के विंडो पर सिर्फ एक ही ग्लास नजर आया। जबकि जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, गोरखपुर रूट पर चलने वाली बसेज में सभी विंडो पर मिरर नदारद मिले।

बसेज में ऑल वेदर लाइट

रोडवेज की लगभग सभी बसेज में इस साल फॉग लाइट के बदले ऑल वेदर लाइट लगाई गई है। रोडवेज अधिकारियों की मानें तो बनारस मंडल की सभी बसों में आल वेदर लाइट लगाया गया है। लेकिन आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में शक्तिनगर को जाने वाली बसेज में पीली लाइट लगी मिली, बाकी किसी रूट पर ऐसी कोई व्यवस्था फिलहाल दिखाई नहीं दी।

ठंड को देखते हुए बस के ड्राइवर्स व कंडक्टर्स को निर्देश दिया गया है कि बसेज में फॉग लाइट व विंडो पर मिरर नहीं होने या कोई और दिक्कत परेशानी है तो इंचार्ज, एआरएम से कम्पलेन करें। वैसे बसेज में विंडो के मिरर को दुरुस्त कराया जा रहा है।

पीके तिवारी

आरएम, रोडवेज बस स्टेशन, कैंट

जौनपुर से आ रहा हूं इतनी ठंड है। बस के अंदर सर्द हवा झेलते हुए जर्नी करनी पड़ी। रोडवेज विभाग को सुविधाएं बढ़ानी चाहिए।

मिलिंद कुमार, पैसेंजर

जिस रोडवेज बस में सवार था उसमें फॉग लाइट था नहीं और विंडो पर मिरर भी नहीं था। आजमगढ़ से बनारस तक आने में बहुत परेशानी हुई।

ऋषभ सिंह, पैसेंजर

रोडवेज विभाग कभी सुधर नहीं सकता। गवर्नमेंट कितना भी धन खर्च करे लेकिन हालात वहीं रहेंगे। बसेज के खस्ताहाल होने के लिए बहुत हद तक सड़क भी जिम्मेदार है।

संदीप कुमार, पैसेंजर

बनारस रोडवेज पर एक नजर

-कुल बसेज लगभग चार सौ

-ड्राइवर्स-कंडक्टर्स की संख्या साढ़े तेरह सौ।

-सिटी, रैपिड लाइन, लोहिया व जेएनयूआरएम की चल रही हैं बसेज

-कैंट डिपो, ग्रामीण डिपो व काशी डिपो से संचालित हो रही हैं बसें।