ALLAHABAD: अगर आप दिव्यांग हैं और रोडवेज की बस में फ्री यात्रा कर रहे हैं तो आपको अपने साथ आधार कार्ड भी रखना होगा। आपका टिकट तभी बनेगा जब आप कंडक्टर को अपना कार्ड दिखाएंगे। अगर आधार कार्ड नहीं है तो आपको यात्रा से वंचित कर दिया जाएगा या पैसे देकर टिकट लेना होगा। यह व्यवस्था उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने प्रदेश के सभी परिक्षेत्रों में लागू किया है। बताया जा रहा है कि ये प्रयास फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर होने वाली यात्रा को रोकने के लिए उठाया गया है।

 

अपर प्रबंध निदेशक का निर्देश

उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के अपर प्रबंध निदेशक राम गणेश ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधक व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसके परिप्रेक्ष्य में सिविल लाइंस व जीरो रोड डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने सभी कंडक्टर को यात्रा के दौरान दिव्यांग जन का आधार कार्ड देखने के बाद ही वे बिल पर इंट्री करने को कहा है।

 

वे बिल भेजा जाएगा मुख्यालय

यात्रा के दौरान दिव्यांग यात्रियों से फ्री सुविधा के लिए कंडक्टर को सीएमओ की ओर से जारी सर्टिफिकेट के अलावा आधार कार्ड भी दिखाना होगा। कार्ड देखने के बाद कंडक्टर उसके नम्बर को वे बिल यानि मार्ग पत्र पर इंट्री करेगा। इसे हर दस दिन पर लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजा जाएगा। मुख्यालय हर महीने इसकी मॉनिटरिंग करेगा।

 

7500 यात्री पर डे करते हैं सफर

निगम के इलाहाबाद परिक्षेत्र के अन्तर्गत सिविल लाइंस डिपो, लीडर रोड डिपो, जीरो रोड डिपो, प्रयाग डिपो, प्रतापगढ़ डिपो, लालगंज डिपो, बादशाहपुर व मिर्जापुर डिपो आते हैं। इन डिपो के जरिए प्रतिदिन विभिन्न मार्गो पर साढ़े सात हजार दिव्यांग फ्री सुविधा का लाभ उठाते हैं।

 

सहवर्ती को शत-प्रतिशत छूट

निगम की बसों में नियमानुसार 40 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांगों को फ्री सुविधा का प्राविधान है। दिव्यांग के साथ एक सहवर्ती को भी फ्री यात्रा का लाभ दिया जाता है। इसके लिए सीएमओ द्वारा जारी किया गया सर्टिफिकेट अनिवार्य है।

 

मैंने खुद कई बार दिव्यांगों के लिए फ्री यात्रा के दौरान कंडक्टर से नोकझोक देखा है। सरकार का प्रयास बहुत ही सराहनीय है।

संतोष तिवारी

 

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार कार्ड दिखाना कारगर प्रयास साबित होगा। छोटे-छोटे फायदे के लिए बहुत से लोग सर्टिफिकेट लेकर यात्रा करते हैं।

राजेश मिश्रा

 

सुविधा के लिए आधार कार्ड बहुत जरुरी था। कम से कम यह तो पता चलेगा कि सुविधा का लाभ लेने वाले वास्तविक दिव्यांगों की कितनी संख्या है।

अनुराग ओझा

 

शासन का प्रयास बहुत अच्छा है लेकिन इसकी मानिटरिंग जरुरी है। बिना मानिटरिंग के कोई भी व्यवस्था सही तरीके से नहीं लागू हो पाती है।

जयवर्धन त्रिपाठी

 

दिव्यांगों को रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा के दौरान अपना आधार कार्ड दिखाना होगा। इसके लिए कंडक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। यह कदम परिक्षेत्र में दिव्यांग जनों का सही आंकड़ा पता करने के लिए उठाया गया है।

दीपक चौधरी, एआरएम, सिविल लाइंस डिपो