आगरा। मथुरा डकैती कांड में मुडभेड़ के बाद पीठ थपथपाने वाली पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लग रहा है। मुठभेड़ में घायल एक बदमाश ने साफ तौर पर खुद का इस मामले से कोई संबंध नहीं बताया है, लेकिन इस बात को स्वीकार किया है कि उसे पता था कि वारदात होने वाली है। मामले में एक सत्ताधारी पार्टी के नेता का नाम भी आ रहा है।

पुलिस ने मुठभेड़ कर पकड़े

सवाल इस तथ्य पर भी उठ रहे हैं कि रात में पुलिस मुठभेड़ की बात 11 बजे से चल रही थी। बावजूद इसके मुठभेड़ सुबह दिखाई गई। पुलिस ने बिना एसटीएफ व राजस्थान की पुलिस की मदद के बदमाशों को पकड़ा। तीन बदमाशों के गोली लगी जिसमें अशीष उर्फ नीरज, राकेश उर्फ रंगा, रोमेश उर्फ चीनिया को एसएन हॉस्पिटल भेजा गया। हाल ही में एडीजी ने ट्वीटर पर बदमाश का फोटो शेयर किया था। उसी बदमाश को पुलिस आशीष उर्फ नीरज को बता रही है, लेकिन जब दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने बदमाश आशीष से बात की तो उसने इस बात से इनकार कर दिया। उसने खुद को व अपने साथ लाए गए दो साथियों को इस मामले से दूर बताया। आशीष का कहना था कि दो बदमाश जिसमें एक मथुरा व एक आगरा का था को उसका एक रिश्तेदार घर पर लेकर आया था। 12 मई को गाजियाबाद का एक बदमाश और उसके घर पर आया था। उसे पता था कि वारदात होने वाली है, लेकिन वह वारदात में शामिल नहीं था।