JAMSHEDPUR: कपाली ओपी क्षेत्र के साईं कॉलोनी निवासी दवा व्यवसायी शाहिद परवेज के घर में चार नकाबपोश डकैतों ने परिवार के सदस्यों को बंधक बना डकैती की। विरोध करने पर डकैतों ने शाहिद परवेज के पैर में गोली मारी और हाथ में भुजाली से प्रहार कर घायल कर दिया। व्यवसायी की पत्नी शहलानाज के पैर पर भी लोहे की रॉड से हमला किया। घटना को अंजाम देने के बाद सभी भाग निकले। घटना मंगलवार की रात करीब दो बजे की है। इस दौरान पौने एक घंटे तक अपराधी घर में रहे। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। तड़के साढ़े तीन बजे कपाली ओपी की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से मिलकर मामले की जानकारी ली। घर से कारतूस का खोखा बरामद किया गया। व्यवसायी ने बताया कि डकैती की घटना में शामिल मो। इमित्याज को वे पहचानते हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने इमित्याज और उसकी निशानदेही पर सहयोगी मो। इरफान को भी गिरफ्तार किया है। अन्य दो की तलाश जारी है। शाहिद की कपाली टीओपी के पास ही निशा मेडिकल स्टोर है।

एक के पास थी पिस्तौल

शाहिद परवेज के पुत्र साकिब ने बताया कि मंगलवार की रात को वह अपनी बहन मुकदश और आलीशा के साथ एक ही कमरे में सोया हुआ था। माता-पिता दूसरे कमरे में सोये हुए थे। इस बीच चार डकैत उनके घर में घुसे और अलमारी खोलकर सामान निकालने लगे। एक के हाथ में पिस्तौल और बाकी तीन के बाद छुरा था। आवाज होने पर माता-पिता जाग गये। चार में एक अपराधी उसके कमरे और बाकी तीन माता-पिता के कमरे की ओर चले गये। पिस्तौल, भुजाली और लोहे की रॉड का भय दिखाने लगे।

आलीशा की सिर में सटा दी पिस्तौल

शाहिद परवेज की पत्नी शहलानाज ने बताया कि सबसे छोटी बेटी आलीशा की सिर पर एक अपराधी ने पिस्तौल सटा दी। घर की दीवार में लगी अलमारी की चाभी देने की मांग करने लगे। कहा कि जो कुछ भी है दे दो। देर नहीं करो। पति ने कहा कि दे दो। इसके बाद एक अपराधी ने गले से सोने की खींच ली। कानबाली और अंगूठी भी ले लिया।

पैर में रॉड से किया हमला

शहलानाज ने बताया कि सामन देने के बाद भी जब उसकी पुत्री को पिस्तौल सटाने वाले अपराधी ने नहीं छोड़ा तो वह उससे उलझ गयी। युवक के मुंह में बंधे रुमाल को उसने खींच लिया। हाथा-पाई होने के दौरान ही पिस्तौल लिये युवक ने उस पर निशाना साधते हुए गोली चला दी जो उसके पति की पैर में जा लगी। पति गिर गए। हाथ में भी छुरा से प्रहार किया गया। वह बावजूद उलझती रही। पुत्री को उसने अपराधी की चंगुल से छुड़ा लिया। नोंक-झोक होती रही। पुत्र साकिब, पुत्री और सबसे छोटी आलीशा को एक कमरे में करते हुए कहा कि अंदर से दरवाजा बंद कर लो। बाहर नहीं निकलना। उसे अपराधियों ने धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। जिस युवक के चेहरे से उसने रुमाल हटाया था। वह उसे पहचान गई थी। वह इमित्याज था।

अपराधी आपस में उलझ गए

शहलानाज ने बताया कि जैसे ही गोली चली अपराधी आपस में उलझ गए। कहने लगे कि किसने कहा गोली चलाने को। अब हमलोग घिर जाएंगे। सभी सामान समेट कर अपराधियों ने पॉकेट में रख लिया चूंकि गोली फायरिंग की आवाज से पास-पड़ोस के लोग भी जाग गए थे। कहीं लोग नहीं पहुंच जाय। इसके बाद डकैती करने वाले झटपट मुख्य गेट की ओर पहुंचे। बाहर खड़ी एक बाइक पर तीन और एक युवक पैदल ही भाग निकले।

ये सामान ले गए

डकैत पांच मोबाइल, सोने की चेन, कानबाली, अंगूठी, टैब और क्भ्-क्म् हजार रुपए ले गए।