घर से मिलते थे कम पैसे

पकड़े गए सभी आरोपियों के शौक बहुत मंहगे थे। सभी को फ्रेंड सर्किल मेंटेन करने के लिए खासा पैसा खर्च पड़ता था। लेकिन घर से उतना पैसा नहीं आता था। जिससे वे अपने शौक को पूरा कर पाए। दिन ब दिन बढ़ रहे खर्च को पूरा करने का जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा। गिरफ्तार सभी बदमाशों की उम्र क्8 से ख्क् साल के बीच की है। सभी पटना के विभिन्न कॉलेज में पढ़ाई कर रहे है।

 

ट्रेन लूटना था सबसे ईजी

पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि ट्रेन में लूटपाट करने में च्यज्दा आसानी होती है। इस दौरान वे यात्रियों से लूटपाट कर एक बार में ही ज्यादा पैसे इकट्ठा कर लेते थे और इस दौरान चैन पुलिंग कर भागना भी आसान होता था। इसलिए वे हर बार ट्रेन में बैठे पैसेंजर्स को ही निशाना बनाते थे। सभी ने खुलासा किया है कि ट्रेन में लूट की घटना को अजांम देना आसान होता है। कम रिस्क पर ज्याद लूट की संभावना होती है।

 

बिहारशरीफ से पकड़े गए बदमाश

क्8 दिसंबर की देर रात राजगीर से वाराणसी जा रही बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस में ट्रैवल कर रहे पैसेंजर्स के साथ लूटपाट की घटना घटी थी। जिसके बाद रेल पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। उसके बाद मामले की जांच करने के लिए रेल एसपी जितेंद्र मिश्रा ने एसआईटी का गठन किया। टीम ने बिहारशरीफ से 8 लुटेरों को अरेस्ट किया। जिनमें सींटू कुमार, उधीर कुमार, बंटी कुमार, शशि कुमार, सन्नी कुमार, जल्लू उर्फ अभिषेक उर्फ बिट्टू, सत्येन्द्र यादव और अमरजीत क मार शामिल हैं। पूछताछ में पता चला है कि घटना को अंजाम देने के बाद बिहारशरीफ में छुप कर रह रहे थे।