-आरयू की वेबसाइट पर फ्लैश हो रही है एज लिमिट

-सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम फैसले में खत्म की थी उम्र की सीमाएं

>BAREILLY: आरयू ने लॉ एंट्रेस एग्जाम के लिए एज लिमिट तय कर दी और उसकी वेबसाइट पर इसका मेसेज भी फ्लैश हो रहा है। इस वजह से बहुत से स्टूडेंट्स लॉ में एडमिशन के लिए अप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। जबकि हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एज लिमिट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

20 फरवरी से खोली वेबसाइट

यूनिवर्सिटी ने लॉ के एंट्रेस एग्जाम के लिए 20 फरवरी को वेबसाइट ओपन की थी। वेबसाइट 20 मार्च तक ओपन रहेगी। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एंट्रेस एग्जाम में शामिल होने के लिए नियम व शर्ते भी वेबसाइट पर अपलोड की है। एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट्स के सामने शर्त रखी की एंट्रेस एग्जाम के लिए जनरल और ओबीसी कैटेगरी के वे ही स्टूडेंट्स आवेदन करें। जिनकी उम्र एक जुलाई 2017 को 30 वर्ष से अधिक न हो। वहीं, एससी और एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स को पांच वर्ष की छूट मिलेगी। यूनिवर्सिटी की इस शर्त के चलते सैकड़ों स्टूडेंट्स लॉ के एंट्रेस एग्जाम में शामिल होने से चूक जाएंगे।

बीसीआई ने जारी किया था सकुर्लर

दरअसल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लास्ट ईयर सकुर्लर जारी किया था। इसके मुताबिक लॉ के तीन वर्ष के कोर्स के लिए अधिकतम उम्र 30 वर्ष और दो वर्ष के कोर्स के लिए 20 वर्ष उम्र फिक्स की थी। इसके खिलाफ तमिलनाडु में स्टूडेंट्स हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने जब उन्हें राहत नहीं दी, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। स्टूडेंट्स की याचिका पर कोई भी निर्णय देने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल को अपने निर्देश पर दोबारा विचार करने को कहा। करीब 15 दिन पहले बार काउंसिल ने तीन वर्षीय कोर्स के लिए अधिकतम सीमा 30 साल से बढ़ाकर 45 साल और दो वर्षीय कोर्स के लिए 22 साल कर दी है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल के इस निर्णय पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही सभी विधि कॉलेज को आदेश दिया कि बार काउंसिल के एज लिमिट के निर्देश को लागू नहीं किया जाए और स्टूडेंट्स को पुरानी व्यवस्था के तहत एडमिशन दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी अभी नहीं मिली है। जैसे ही वह मिल जाएगी, शर्तो में बदलाव करा दिया जाएगा।

डॉ। एसएल मौर्य, रजिस्ट्रार