- राज्य सरकार के कदम खींचने के बाद ठंडे बस्ते में थी योजना

-बजट में वित्तमंत्री की घोषणा के बाद नए सिरे से जगी उम्मीद

Meerut। शहर में एक बार फिर एयरपोर्ट की उम्मीदें ताजा हो गई हैं.गौरतलब है कि पहले शासन ने एयरपोर्ट के लिए खरीदी जा रही जमीन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी, साथ ही खरीदी गई जमीन और रुपये का ब्यौरा मांगा था। यही नहीं, राज्य सरकार ने मेरठ, फैजाबाद, मुरादाबाद में एयरपोर्ट पर एएआई के साथ हुए एमओयू को खारिज कर दिया था। बजट में मेरठ में एयरपोर्ट निर्माण का जिक्र करके वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक बार फिर से उम्मीद जगाई है।

पहले फंसा मामला

प्रमुख सचिव ने लेटर में साफ कहा था कि फरवरी 2014 में यूपी गवर्नमेंट और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के बीच में एयरपोर्ट बनाने को लेकर एमओयू साइन हुआ था। जुलाई 2014 में जिले की ओर से एएआई को सिविल एविएशन के माध्यम से लैंड देनी शुरू कर दी गई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी एमओयू की शर्तो के अनुसार न तो एएआई ने हवाई पट्टियों पर कोई व्यवस्था की और न ही अपने परमानेंट स्टाफ की तैनाती की।

एएआई ने दिखाई बेरुखी

10 अप्रैल 2016 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस बारे में बैठक भी हुई थी, जिसमें एएआई ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा था कि हवाई पट्टियों की परियोजनाओं का इंवेस्टमेंट रिटर्न रेश्यो (आईआरआर) नेगेटिव आया था। इसकी जानकारी एएआई की ओर से 1 जुलाई को स्टेट गवर्नमेंट को भी दी जा चुकी थी। एएआई इस प्रोजेक्ट पर काम करने के मूड में नहीं थी।

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हमारे व्यापार के लिए तो काफी जरूरी है एयरपोर्ट। मौजूदा समय में हमें अपना व्यापार फैलाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। एयरपोर्ट के लिए दिल्ली जाने पर बीच में कई बार व्यापारियों के साथ वारदातें भी हो चुकी हैं।

-दिनेश रस्तोगी, कारोबारी

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मेरठ में एयरपोर्ट का काम रुक जाने से काफी नुकसान है। यहां के कई केस इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में चल रहे हैं। बजट में एयरपोर्ट को शामिल करने से एक बार फिर आस जगी है।

-रामकुमार शर्मा, एडवोकेट

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फिलहाल हवाई पट्टी एएआई के पास ही है। एमओयू के खारिज होने के बाद मेरठ में एयरपोर्ट की संभावनाओं पर लगा ब्रेक हटेगा। एएआई नए सिरे से एयरपोर्ट परियोजना का आंकलन करेगी।

-संत कुमार, नोडल अधिकारी, हवाई पट्टी