आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री व उनकी पत्‍‌नी को दी श्रद्धांजलि

ALLAHABAD: हम जो बोलते हैं, वही करते हैं। बोलें कुछ और करें कुछ और, यह हमारी प्रवृत्ति नही है। हमारी इसी विशेषता के चलते भारत की ताकत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने ये बातें मंगलवार को लालबहादुर शास्त्री तकनीकी इंटर कॉलेज मांडा में पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री और उनकी पत्‍‌नी ललिता शास्त्री की श्रद्धांजलि सभा में कहीं। उन्होंने इशारो में मोदी सरकार की नीतियों का समर्थन भी किया।

लोकनेता थे शास्त्रीजी

उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री लोकनेता थे। उनकी अपील को हर कोई अपनाता था। जीवन शैली और आचरण दूसरों के लिए मिसाल थी। ऐसे आदर्श नेता ने पाकिस्तान से युद्ध के समय लोगों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की थी। लोगों ने न केवल इसे माना बल्कि वर्तमान में भी यह परंपरा कायम है। देशवासियों में ऐसा जज्बा जगाने वाला ही लोकनेता होता है। भागवत ने ललिता शास्त्री पब्लिक स्कूल मांडा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री व उनकी पत्‍‌नी ललिता शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया।

शास्त्री और मोदी में बताई समानता

अपने भाषण में सर संघचालक ने बार-बार पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को समान बताने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मोदी के मिशन स्वच्छता अभियान के साथ एक अपील पर पूरा देश खड़ा हो गया। अध्यक्षता कर रहे लालबहादुर शास्त्री सेवा निकेतन के अध्यक्ष सुनील शास्त्री ने पुराने संस्मरणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि 15 साल की उम्र में बाबूजी ने अम्मा से ताशंकद से लौटने के बाद इसी गांव में बसने की बात कही थी। लेकिन, ताशकंद से बाबू नही लौटे। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए अम्मा ने स्कूल की स्थापना की। संचालन प्रतिमा सिन्हा व आभार गिरजाशंकर तिवारी ने जताया। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, विद्यालय प्रबंधक चौ। जितेंद्रनाथ सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल शास्त्री, आरएसएस प्रचारक मनोज कुमार, अजय राय, किशोर वाष्र्णेय आदि उपस्थित रहे।

संघ के कार्यो का लिया जायजा

मंगलवार शाम मोहन भागवत ने सिविल लाइंस स्थित आरएसएस की शाखा में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन के कार्यो का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि संघ में कुछ पाने की इच्छा के बजाय त्याग की भावना के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर की स्थिति काबू में आ रही है और देश की सीमाएं भी मजबूत हुई हैं। उन्होंने देश की एकता व अखंडता बनाए रखने पर जोर दिया।