-कानपुर पहुंचे यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने दिए निर्देश, हर सरकारी ऑफिस में मेनटेन करें जनसूचना रजिस्टर

-एक्ट के तहत जानकारी मांगने वाले को हर हाल में दें सूचना, सिर्फ लीगल आधार पर ही सूचना देने से कर सकते हैं मना

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KANPUR: जन सूचना अधिकार एक ऐसा माध्यम है जो सरकार और जनता के बीच शक्ति संतुलन बनाता है। शासन-प्रशासन के कार्यो में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के अलावा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना इस अधिनियम का मुख्य उदद्ेश्य है। यह गुड गर्वनेंस का ख्वाब पूरा करेगा। मंडे को कानपुर पहुंचे प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने अधिकारियों को सचेत किया कि इसका पूरी तरह पालन सुनिश्चित कराएं। सिर्फ लीगल आधार पर ही सूचना देने से मना किया जा सकता है। इस अधिनियम के तहत जो सूचना मांगी जाए उसको नियमानुसार आरटीआई डालने वाले व्यक्ति को उपलब्ध कराएं।

गोपनीय, रक्षा विभाग दायरे में नहीं

वर्कशॉप में आए मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा कि अधिनियम 2005 धारा 8,9 व 24 नियमावली 4 के तहत सूचना देने से मना किया जा सकता है। धारा 88(1क्) ए व धारा 8 (1) जे के तहत गोपनीय दस्तावेज और डिफेंस से संबंधित सूचना को देने से मना किया जा सकता है। यूपी पुलिस, अभिसूचना, यूपी सतर्कता विभाग, इंटेलिजेंस इस परिधि से बाहर हैं। जावेद उस्मानी से यह भी निर्देश दिए कि हर सरकारी ऑफिस में एक आरटीआई रजिस्टर मेनटेन किया जाए। जिसमें प्रारूप फ् के तहत सभी जानकारियों की सूचना ख्0 जनवरी तक एडीएम सिटी कार्यालय में दें। कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त विजय शंकर शर्मा, डीएम सुरेंद्र सिंह, एडीएम सिटी सतीश पाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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'नियमावली' की दी जानकारी

कानपुर मंडल के सभी सूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने मंडे को कानपुर पहुंचे मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा कि सूचना का अधिकार काफी बदलाव लाया है। उन्होंने अधिकारियों को उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार नियमावली ख्0क्भ् के बारे में जानकारी दी।