-आई एक्सक्लूसिव

- ई रिक्शे की मार्केट में जबरदस्त तरीके से घुसा है 'ड्रैगन'

- चाइनीज ई रिक्शे सीधे तौर पर अनऑथराइज्ड हैं

kanpur@inext.co.in

KANPUR। मुख्यमंत्री की ई रिक्शा बहुउद्देश्यीय योजना में घुसपैठ कर चुके 'ड्रैगन' को रोकने के लिए आरटीओ ने कमर कस ली है। डिपार्टमेंट अब मेक इन इंडिया की खाल में घुसे चाइनीज ई रिक्शों की धरपकड़ करने जा रहा है। प्रवर्तन दलों को ऐसे निर्देश दे दिए गए हैं। इसके साथ देश में चल रही चाइनीज विरोधी मुहिम से आरटीओ भी जुड़ने जा रहा है।

बड़े पैमाने पर चाइनीज ई रिक्शे

सिटी में बड़े पैमाने पर चाइनीज ई रिक्शा चल रहे हैं। सिटी में चीनी पा‌र्ट्स से बने ई रिक्शा क्यों छाए हुए हैं, इसकी प्रमुख वजह ये है कि अधिकृत कंपनियों के ई रिक्शा मार्केट में 1 लाख 10 हजार से 1 लाख 20 हजार रुपये के बीच में मिलते हैं। जबकि चीन से ई रिक्शा बनाने के पा‌र्ट्स ट्रेड टैक्स और कस्टम की चोरी करके कानपुर आ रहे हैं। इस कारण इनको बनाने की लागत 50 हजार रुपये आती है। जिसे बनाने वाले बड़ी आसानी से 65 से 70 हजार रुपये में बेच लेते हैं। अधिकृत ई रिक्शों के पंजीयन अभी तक न होने से ये भी बड़ी आसानी से सिटी में चल रहे हैं।

सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक

- चाइनीज ई रिक्शा को हल्का करने के लिए इसकी बॉडी में एलुमिनियम व अन्य धातुओं का यूज होता है, इसलिए ये हल्के होते हैं, लेकिन मजबूत नहीं होते। जबकि इण्डियन मेड ई रिक्शा में लोहे का इस्तेमाल होता है। जो भारी होता है, लेकिन मजबूत होता है।

- इण्डियन ई रिक्शा में बैलेंसिंग भी अच्छी होती है। ई रिक्शा की चेचिस में 5 इंच की मोटाई का पाइप डाला जाता है। जबकि चाइनीज ई रिक्शा में 2 इंच से ही बेस तैयार किया जाता है।

- पैसेंजर सीट के बगल में बेस भी कमजोर होता है। इण्डियन ई रिक्शा में 6 इंच का होता है, जबकि चाइनीज में 3 से 4 इंच का ही होता है।

- चाइनीज ई रिक्शा में बैटरी खराब क्वालिटी की होती है। जिसके फटने का डर होता है, बैटरी पैसेंजर्स सीट के नीचे ही रखी होती है। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता है। जबकि इण्डियन ई रिक्शा में बैटरी नीचे की तरफ होती है, जिन ई रिक्शा में बैटरी पैसेंजर सीट के नीचे होती भी है तो सीट को आयरन से कवर कर दिया जाता है। जिससे ये ज्यादा सुरक्षित रहते हैं।

- चाइनीज ई रिक्शा में बैटरी चार्जर भी खराब होता है। जिसके फटने की संभावना ज्यादा होती है।

'सिटी में चीनी पा‌र्ट्स से बने ई रिक्शा की भरमार है। प्रवर्तन दल की कार्रवाई में ऐसे ई रिक्शा चालकों को छोड़ा नहीं जाएगा.'

- प्रभात पाण्डेय, एआरटीओ