- बीसीबी के स्टूडेंट ने आरटीआई के जरिए उजागर की कॉपी चेकिंग की खामियां

- सही क्वेश्चंस में आधे से भी कम जबकि गलत आंसर करार देने पर भी दिए मा‌र्क्स

- क्वेश्चंस भी चेक करने से छूटे हुए थे

BAREILLY: आरयू के कॉपी चेकिंग के सिस्टम पर हमेशा से ही ऊंगलियां उठती रही हैं। आरयू में ऐसा कोई प्रोसेस नहीं है कि एक बार कॉपी चेक होने के बाद उसे दूसरे से भी क्रॉस चेक करवा लें। इसका खमियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता है। कॉपी चेकिंग में लगे एग्जामिनर्स स्टूडेंट्स को अपने मनमाने तरीके से मा‌र्क्स देते हैं। किसी भी प्रकार का फ्लो चार्ट नहीं फॉलो करते। जब भी बहुतायत में स्टूडेंट्स फेल होते हैं या फिर आरटीआई के तहत कॉपियां दिखाती हैं तो कॉपी चेक करने वाले टीचर्स की खामियां उजागर होती हैं। बीसीबी का एक स्टूडेंट अपनी कॉपी देखने के बाद आरयू से मा‌र्क्स बढ़ाने की गुहार लगा रहा है।

गड़बड़ी का लगाया आरोप

बरेली कॉलेज के एमएससी फ‌र्स्ट के स्टूडेंट महिपाल गंगवार ने मैथ्स में कम मा‌र्क्स मिलने पर आरयू से आपत्ति दर्ज कराई। मैथ्स के पेपर सेकेंड में उसे क्00 में से भ्म्, थर्ड में क्00 में से फ्8 और फोर्थ पेपर में क्00 में से फ्7 मा‌र्क्स मिले थे। उसने आरयू से कंप्लेन दर्ज कराई थी कि उसकी कॉपियों की चेकिंग में गड़बड़ी की गई है। उसे इतने कम मा‌र्क्स आने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन आरयू ने इस संबंध में हेल्प करने से मना कर दिया था। इसके बाद उसने क्7 जुलाई को आरटीआई के तहत कॉपियों की फोटो कॉपी मांगी। आरयू ने फोटो कॉपी देने से तो मना कर दिया लेकिन 8 दिसम्बर को गोपनीय विभाग में उसकी कॉपी दिखाई गई।

चेक करने से छूट गए थे क्वेश्चंस

कॉपी देखने के बाद महिपाल को उसमें कई तरह की खामियां मिलीं। उसने आरोप लगाया कि उसके आंसर सही होने के बावजूद उसे काफी मा‌र्क्स दिए गए। यहां तक कि कई आंसर गलत करार देकर कम मा‌र्क्स दिए। जबकि यदि आंसर गलत हों तो कायदे से जीरो मिलने चाहिए। उसने बताया कि सेकेंड पेपर के खंड बी के क्फ् मा‌र्क्स के न्यूमेरिकल को टीचर ने गलत करार दिया है। बावजूद इसके उन्होंने फ् मा‌र्क्स दिए हैं। तीनों पेपर में कई न्यूमेरिकल पूरी तरह से सही होने पर आधे से भी कम मा‌र्क्स दिए हैं। जबकि फुल मा‌र्क्स मिलने चाहिए थे। इन गड़बडि़यों के बीच पेपर फोर्थ में क्0 मा‌र्क्स के एक क्वेश्चन को चेक ही नहीं किया गया था।

आरयू ने खड़े किए हाथ

कॉपी देखने के बाद महिपाल ने रजिस्ट्रार एके सिंह को तीनों पेपर की चेकिंग की एक-एक कमियां गिनाई। बावजूद इसके रजिस्ट्रार ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि जो क्वेश्चंस चेक हो चुके हैं उनमें कोई बदलाव करने की संभावना नहीं है। यह नियम के खिलाफ है। जो अनचेक हैं उनमें मा‌र्क्स देकर टोटलिंग में संशोधन कर दिया जाएगा।

कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी

महिपाल आरयू के जवाब से नाखुश है। उसने अब कोर्ट में जाने का डिसिजन लिया है। उसने बताया कि वह पूरे मैटर को कोर्ट के समक्ष रखेगा। एक-एक कमियों को उजागर करेगा। कोर्ट के आदेश के बाद ही वह अपनी कॉपियां दोबारा चेक कराएगा।