- रिफ्रेशमेंट पर मांगे पूरी न हुई तो मूल्यांकन सेंटर्स पर ताला लगा किया विरोध

- 60 रुपए प्रतिदिन की दर से खाता में रिफ्रेशमेंट का भुगतान होने पर माने प्रोफेसर्स

<- रिफ्रेशमेंट पर मांगे पूरी न हुई तो मूल्यांकन सेंटर्स पर ताला लगा किया विरोध

- म्0 रुपए प्रतिदिन की दर से खाता में रिफ्रेशमेंट का भुगतान होने पर माने प्रोफेसर्स

BAREILLY BAREILLY :

स्टूडेंट्स का भविष्य संवारने और उन्हें सक्षम बनाने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर हो, वही मामूली सुविधाओं के लिए गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना लें, तो यह चिंताजनक स्थिति है। आरयू में स्टूडेंट्स की उत्तरपुस्तिकाएं जांच रहे प्रोफेसर्स ने महज नाश्ता के मुद्दे पर मंडे को मूल्यांकन कार्य ही ठप कर दिया। रिफ्रेशमेंट की मांग को लेकर प्रोफेसर्स ने मूल्यांकन सेंटर्स पर ही ताला जड़ दिया और विरोध प्रदर्शन में जुट गए। आरयू प्रशासन की ओर से खाता में ही रिफ्रेशमेंट की रकम भेजने के फैसले के बाद ही नाराज प्रोफेसर्स माने। मांगे पूरी होने के बाद भी प्रोफेसर्स ने ट्यूजडे से मूल्यांकन कार्य दोबारा शुरू करने का फैसला लिया।

पहले इनकार, फिर भरी हामी

मूल्यांकन कार्य में जुटे प्रोफेसर्स के लिए रिफ्रेशमेंट पिछले कई दिनों से विवाद का विषय बना है। मूल्यांकन कर रहे प्रोफेसर्स की फाइनेंस ऑफिसर पीएस चौधरी और एग्जाम कंट्रोलर महेश कुमार के साथ मंडे को रिफ्रेशमेंट के मुद्दे पर बैठक हुई। बैठक में एग्जाम कंट्रोलर ने कहा कि यूनिवर्सिटी मूल्यांकन करने वाले सभी प्रोफेसर्स के खाते में म्0 रुपए प्रति दिन के हिसाब से रिफ्रेशमेंट का पैसा भेज देगी। इस पर प्रोफेसर्स ने पहले आपत्ति जताई और मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया, लेकिन बाद में प्रोफेसर्स ने इस फैसले पर सहमति दे दी।

स्टूडेंट्स के साथ्ा खिलवाड़

प्रोफेसर्स के लिए रिफ्रेशमेंट की सुविधा बेशक वाजिब है। लेकिन इस मुद्दे को तूल देकर और मूल्यांकन कार्य ठप कर स्टूडेंट्स के हितों के साथ बार-बार खिलवाड़ किया गया। पहले कर्मचारियों ने शासनादेश का हवाला देकर मूल्यांकन कार्य रुकवाया। शासन के आदेश पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रोफेसर्स को मूल्यांकन सेंटर में कोऑर्डिनेटर और सब-कोऑर्डिनेटर बना दिया। इसके बाद प्रोफेसर्स रिफ्रेशमेंट के लिए बजट की डिमांड कर हंगामा करने लगे। इस पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कैंपस स्थित कैंटीन संचालक को रिफ्रेशमेंट मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी। यूनिवर्सिटी की इस व्यवस्था को प्रोफेसर्स ने नकार दिया।