रिपोर्टों के मुताबिक़ फ़ोटोन-एम4 सैटेलाइट का इंजिन ग्राउंड कंट्रोल के निर्देशों पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है.

इस सैटेलाइट में पांच गेको छिपकलियों को उनके सेक्स जीवन और व्यवहार पर भार हीनता का असर जानने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था.

इसके अलावा कई अन्य जैव वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए भी यह सैटेलाइट लांच किया गया था.

यह सैटेलाइट 19 जुलाई को लांच किया गया था. रूस के स्पेस स्टेशन से सैटेलाइट का संपर्क टूट गया है.

रूसी समाचार एजेंसी इतर-तास ने ख़बर दी है कि "विशेषज्ञ फ़ोटोन के साथ स्थाई कनेक्शन बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं और योजना के अनुसार ऑर्बिटल मिशन प्रोग्राम को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं."

धरती पर गिरेगा छिपकलियों वाला सैटेलाइट?

रूस के इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिको-बायोलॉजिकल प्रॉब्लम्स (आईएमबीपी) के ओलेग वोलोशिन ने समाचार एजेंसी एफ़पी को बताया, "स्वचालित प्रणाली पर काम कर रहा उपकरण, विशेषकर गेकोज़ के प्रयोग से जुड़े हुआ, योजना के अनुसार काम कर रहा है."

रूस की स्पेस एजेंसी रॉस्कोमोस ने कहा कि 6 टन का सैटेलाइट "लंबे समय" तक घूमना जारी रख सकता है.

इंटरफ़ैक्स ने एक अंतरिक्ष विशेषज्ञ के हवाले से कहा है कि यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में चार महीने तक रह सकता है.

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