अपने बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले प्रेस परिषद के चेयरमैन जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने इस बार सचिन को भारत रत्न दिए जाने की मांग पर सवाल उठाया है.

उन्होंने कहा है कि सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेटरों को भारत रत्न जैसा सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए.

कोलकाता में एक समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि फिल्मी सितारों और क्रिकेट खिलाड़ियों को भारत रत्न देने की मांग 'निम्न सांस्कृतिक स्तर' बयां करती है.

काटजू ने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि भारत रत्न सम्मान सचिन तेंदुलकर या सौरभ गांगुली को दिया जाना चाहिए. मैं कहता हूँ कि इनमें से किसी को ये पुरस्कार नहीं देना चाहिए."

सांस्कृतिक स्तर

 

उन्होंने कहा कि कभी-कभी फिल्मी सितारों और क्रिकेटरों को भारत रत्न देने की मांग की जाती है, तो देश में निम्न सांस्कृतिक स्तर दिखाती है.

जस्टिस काटजू ने कहा कि भारत रत्न कई बार मृत्यु के बाद भी लोगों को दिया गया है, जैसा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मामले में हुआ था.

उन्होंने कहा, "मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि क्यों काजी नजरुल इस्लाम को ये पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए. जो एक महान राष्ट्रवादी कवि थे और जिन्होंने महिलाओं, गरीब और निचले तबके के लिए संघर्ष किया."

अपनी साफगोई के कारण चर्चा में रहने वाले जस्टिस काटजू ने मीडिया को हद में रहने की सलाह दे चुके हैं, तो बिहार में प्रेस की आजादी पर भी सवाल उठा चुके हैं.

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