--14 एकड़ में फैले सदर हॉस्पिटल को है इनॉगरेशन का इंतजार

--झारखंड नागरिक प्रयास मंच ने निजी हाथों में देने का किया विरोध

RANCHI (31 Oct): रांची के सेंटर मेन रोड स्थित भ्00 बेड वाले सुपर स्पेशियलिटी रांची सदर हॉस्पिटल का संचालन ऑफिसर्स के कारण फंसा हुआ है। क्फ्क् करोड़ की लागत से क्ब् एकड़ के कैंपस में बना सदर अस्पताल पिछले दो साल से इनॉगरेशन के इंतजार में है। दो साल में न जाने कितने गरीबों की जान चली गई, लेकिन सदर अस्पताल ऑफिसर्स की अफसरशाही के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है। ख्0क्ख् में बन कर तैयार इस अस्पताल का अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया है और यह कब शुरू होगा, किसी को पता नहीं है। शुरू होने से पहले ही कई संगठनों ने प्राइवेट हाथों में अस्पताल को देने का विरोध किया था। दो साल में इस बिल्डिंग की हालत खराब हो गई है। इसे देखकर लगता है जैसे सात साल पुरानी ि1बल्डिंग है।

नजर आती है ईंट

सदर अस्पताल शुरू होने से पहले ही बिल्डिंग की स्थिति बदहाल हो गई है। क्फ्क् करोड़ की लागत से बनी यह बिल्डिंग अपनी बदहाली की दास्तां खुद बयां करती है। इसके अलावा यहां कई दरवाजे ऐसे हैं जो पुराने प्वाइवुड को खोलकर बनाए गए हैं। दीवारों पर जहां-तहां फंगस लग चुके हैं। इस बिल्डिंग के अगल-बगल जमीन को समतल नहीं किया गया, जिससे बरसात का पानी अंदर जाता रहता है बिल्डिंग की नींव कमजोर पड़ेगी। कई दीवारों की ईंट नजर आ रही है। इस बिल्डिंग का काम एनबीसीसी कंपनी के द्वारा किया गया है। देख-रेख के अभाव में इसकी स्थिति खराब होती जा रही है। क्ब् एकड़ में फैले इस अस्पताल का निर्माण क्फ्क् करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। इसमें क्क् मंजिला मुख्य इमारत, क्0 मंजिला डॉक्टर्स हॉस्टल, सात मंजिला हॉस्पिटल स्टाफ और नर्सेज बिल्डिंग बनाई गई है।

ख्0क्ख् में तय हुआ पीपीपी मोड पर चलेगा

ख्008 से बन रहा यह अस्पताल ख्0क्ख् में बनकर तैयार हो गया था। इसके बाद अर्जुन मुंडा की सरकार ने इसे पीपीपी मोड पर चलाने का निर्णय लिया था। क्ब् जुलाई ख्0क्ख् को अर्जुन मुंडा सरकार कैबिनेट ने यह फैसला लिया कि भ्00 बेड वाले सदर अस्पताल का संचालन पीपीपी मोड पर होगा। अर्जुन मुंडा सरकार के जाने के बाद हेमंत सोरेन सरकार ने ख्0क्फ् में अस्पताल के संचालन के लिए टेंडर जारी किया।

बार- बार फंस रहा पेंच

सदर अस्पताल का संचालन पीपीपी मोड पर किए जाने को लेकर 7 मार्च ख्0क्ब् को टेंडर जारी किया गया था। इसमें ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड मेदांता गुड़गांव, टेक्नो इंडिया कोलकाता और रिसर्च इंस्टीट्यूट सिविल हेल्थ इंटीग्रेशन टेंडर में शामिल हुए थे। टेक्नो इंडिया के पेपर में टेक्निकल गड़बडी पाए जाने और रसर्च इंस्टीट्यूट सिविल हेल्थ इंटीग्रेशन के पेपर नहीं होने के बाद मेदांता को सिंगल टेंडर होने के कारण सरकार ने टेंडर को रद कर दिया था।

झारखंड नागरिक प्रयास संघ्ा का विरोध

सदर अस्पताल को निजी हाथों में देने का विरोध झारखंड नागरिक प्रयास मंच की ओर से किया गया है। शुक्रवार को मंच की ओर से सदर अस्पताल के सामने धरना-प्रदर्शन कर पंपलेट बांटा जा रहा था और आम लोगों से सदर अस्पताल को निजी हाथों में नहीं देने की मुहिम में शामिल होने का समर्थन मांग रहे थे। सदर अस्पताल को निजी हाथों में नहीं देने की मांग रांची के कई डॉक्टर्स के द्वारा भी किया जा रहा है। शुक्रवार को संघ के कुमार वरुण, विपिन सिंह, पीपी वर्मा, अशोक वर्मा सहित कई लोग उपस्थित थे। सभी लोगों ने कहा कि सदर अस्पताल को निजी हाथों में नहीं दिया जाए। हमलोग इसके खिलाफ क्0 और क्क् नवंबर को सदर अस्पताल के सामने विशाल धरना और प्रदर्शन करके अपना विरोध जतानेवाले हैं।