-पुलिस की रिपोर्ट पर कोर्ट ने आईसीयू खोलने का दिया था आदेश

BAREILLY: सांई हॉस्पिटल के आईसीयू में 15 जनवरी को आग से दो महिलाओं की मौत के मामले में जिस तरह से साई हॉस्पिटल के मालिक ने पत्‍‌नी के साथ चुपचाप कोर्ट में सरेंडर कर जमानत ले ली थी, उसी तरह से चुपचाप कोर्ट के आदेश पर आईसीयू भी खुल गया और किसी को भनक तक नहंी लगी। इस मामले में शुरू से ही पुलिस-प्रशासन ने पूरी तरह से हॉस्पिटल प्रशासन का सहयोग किया। इसी तरह से कुछ दिनों बाद ही हॉस्पिटल की भी सील खोल दी गई थी। यही नहीं हादसे के एक महीने बाद भी पुलिस ने अन्य आरोपियों के नाम विवेचना में शामिल नहीं किए हैं।

2 फरवरी को कोर्ट ने िदया आदेश

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक एसीजेएम फ‌र्स्ट की कोर्ट से पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई थी कि हॉस्पिटल के आईसीयू की जांच पूरी हो चुकी है। इस पर पुलिस ने लिखकर दे दिया कि आईसीयू में एफएसएल, फायर और बिजली विभाग ने जांच कर ली है। जिसके बाद कोर्ट ने 2 फरवरी को पुलिस को हॉस्पिटल का आईसीयू खोलने का आदेश दिया था। आईसीयू में पुलिस का ही ताला लगा हुआ था, जिसके चलते 3 फरवरी को हॉस्पिटल का आईसीयू ओपन कर दिया गया।

कब क्या-क्या हुआ

-15 जनवरी को साई हॉस्पिटल के आईसीयू में आग लगने से दो महिला मरीजों की मौत हुई थी और एक मरीज घायल हो गया था

-18 जनवरी को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम हॉस्पिटल को सीज करने पहुंची थी लेकिन मरीजों के होने और हंगामे के चलते बैरंग लौट गई थी

-19 जनवरी को डॉक्टर्स व आईएमए के हंगामे के बाद सांई हॉस्पिटल को पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में सील कर दिया गया था

-23 जनवरी को डॉक्टर शरद अग्रवाल और पत्‍‌नी अर्चना अग्रवाल ने एसीजेएम फ‌र्स्ट की कोर्ट में सरेंडर कर जमानत पर रिहा हो गए थे

-27 जनवरी को हॉस्पिटल में बिजली और फायर के पुख्ता इंतजाम होने पर सील को खोल दिया था। प्रशासन की टीम ने गणतंत्र दिवस की छुट्टी के दिन निरीक्षण किया था

-3 फरवरी को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आईसीयू का ताला ओपन कर दिया ।