मारीन हार का मिला फायदा
कैरोलीन मारीन को मिल एक हार साइना के लिए फायदेमंद साबित हुई. जिसके चलते वह पहली बार बैडमिंटन की टॉप रैंकिंग पर पहुंची गईं. सेकेंड वरीयता प्राप्त मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन मारीन को तीसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की रेत्नाचोक इंतानोन से 21-19, 21-23, 22-20 के अंतर से हारना पड़ा. हालांकि मारीन को यह हार भारी पड़ गई और साइना ने नंबर वन पर पहुंचकर नया इतिहास रच दिया. यह ऑफिशियल रैंकिंग अगले हफ्ते गुरुवार को जारी होगी, लेकिन मारिन की हार से साइना का नंबर एक बनना तय हो गया है.

सेमीफाइनल में होगा मुकाबला
साइना से पहले पहले प्रकाश पदुकोण नंबर वन पुरुष खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन साइना ने पहली भारतीय महिला खिलाड़ी होकर यह गौरव हासिल किया है. हालांकि वह सेकेंड सेमीफाइनल में जापान की यूइ हाशिमोतो से भिड़ेंगी, लेकिन इस मैच के रिजल्ट का उनकी रैंकिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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मेहनत रंग लाई
साल 2012 के लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली साइना के लिए शिखर तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. इस मुकाम तक आने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी और आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई. हालांकि 2012 से 2014 के बीच साइना को कई बार निराशा हाथ लगी. हार का यह सिलसिला 2014 में ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज़ खिताब जीतकर उन्होंने तोड़ा. वहीं 2014 में साइना ने अपने कोच गोपीचंद का भी साथ छोड़ा जिसको लेकर वह काफी सुर्खियों में भी रहीं. मगर बेंगलुरु के विमल कुमार को कोच बनाने का फैसला धीरे धीरे रंग लाया. उसी साल के अंत में उन्होंने चाइना ओपन सुपर सीरीज़ का खिताब जीतकर सबको हैरान कर दिया. वहीं इस साल की शुरुआत में उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियन कैरोलीन मारीन को हराकर सैयद मोदी ग्रां. प्री टूर्नामेंट अपने नाम किया. इसके अलावा इंग्लैंड ओपन के फ़ाइनल तक पहुंचीं और अब बैडमिंटन की टॉप प्लेयर बन गई हैं.

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