पहले थीं कराटे प्लेयर
साइना को बैडमिंटन खेलने का शौक बचपन से नहीं था। पहले वह कराटे प्लेयर थीं। कराटे में साइना ने ब्राउन बेल्ट हासिल की है।
माता-पिता थे बैडमिंटन प्लेयर
साइना के पिता हरवीर सिंह और मां ऊषा नेहवाल भी हरियाणा की स्टेट बैडमिंटन चैंपियंस रहे हैं। यही वजह है कि साइना का स्पोर्ट्स की तरफ हमेशा रुझान बना रहा। पहले उन्होंने कराटे में हाथ अजमाए, फिर बैडमिंटन हाथ में थामा।
21 इंटरनेशनल टाइटल्स किए अपने नाम
बैडमिंटन में आने के बाद साइना ने अपने खेल को खूब निखारा। वह अभी तक 21 इंटरनेशनल टाइटल्स जीत चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने 10 सुपरसीरीज खिताब भी अपने नाम किए हैं।
हर जीत के बाद आइसक्रीम खाती
साइना अपनी हर जीत के बाद आइसक्रीम जरूर खाती हैं। यह उनका जश्न मनाने का तरीका है।
सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी
एक समय साइना दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं थीं। उन्होंने करोड़ों में कई एडवरटाइजमेंट किए थे।
मिला है खेल का सबसे बड़ा पुरस्कार
साइना पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने दो बार एशियन सेटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट जीता है। साइना को खेल के सबसे बड़े पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं 2010 में उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न और पद्मश्री अवार्ड भी मिला था।
जब खा लिया था केकड़ा
साइना नेहवाल कभी नॉनवेज नहीं खाती थीं। मगर साल 2005 में चीन में एक टूर्नामेंट के दौरान उन्हें वहां कुछ वेज खाने को नहीं मिला। ऐसे में कोच गोपीचंद के कहने पर साइना ने मछली और केकड़ा खाया। साइना की बॉयोग्रॉफी "Saina Nehwal: An Inspirational Biography" में इस बात का जिक्र है।