JAMSHEDPUR: प्रोमोशन के लिए 12 साल से अधिक इंतजार के बाद मिली भी तो मामला जांच के घेरे में फंस गया। प्राथमिक विद्यालयों के 500 से अधिक शिक्षकों को बड़ा झटका देते हुए वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी गई है। ये वो शिक्षक हैं जिन्हें कुछ महीनों पहले ही ग्रेड 4 व ग्रेड 7 में प्रोन्नति का लाभ दिया गया है। इससे संबंधित निर्देश प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को जारी किया है। निर्देश में कहा गया है कि शिक्षकों को सभी ग्रेडों में प्रोन्नति के फलस्वरूप वेतन निर्धारण फिटमें कमेटी की सिफारिशों के तहत किया जाए लेकिन कोई वेतन वृद्धि नही की जाए। निदेशालय का निर्देश मिलने के साथ ही जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी कर सभी निकासी व व्ययन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्रेड 4 व ग्रेड 7 में प्रोन्नति पाने वाले शिक्षकों को जो वर्तमान में दिए जा रहे वेतन की जगह उनहें प्रोन्नति से पूर्व मिलनेवाले वेतन का भुगतान किया जाए। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है। इस निर्देश के बाद प्रोन्नति पाने वाले शिक्षकों को करीब 3 से 4 हजार रुपए तक का नुकसान होगा। क्योकि प्रोन्नति मिलने के बाद इन्हें एक वेतनवृद्धि दी गई थी।

वसूली जाएगी अंतर राशि

वेतनवृद्धि पर रोक संबंधी आदेश के बाद सबसे चौकाने वाली बात यह है कि प्रोन्नत शिक्षकों को वेतनवृद्धि के रूप में जो राशि मिल चुकी है उसकी वसूली भी की जाएगी। हालांकि विभाग ने वसूली से संबंधित निर्देश बाद में जारी करने की बात कही है।

शिक्षक संघ कर रहा आंदोलन की तैयारी

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने ग्रेड 4 एवं 7 में प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकों को वेतनवृद्धि का लाभ नहीं दिये जाने संबंधी प्राथमिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर जिला शिक्षा अधीक्षक की ओर से जारी किए गए पत्र पर घोर आपत्ति दर्ज की है। आदेश को गलत बताते हुए प्रोन्नति नियमावली 1993 के नियमों का उल्लंघन बता रहे हैं। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश सलाहकार समिति सदस्य सुनील कुमार ने बताया कि 1993 प्रोन्नति नियमावली में उच्चतर पदों पर (ग्रेड 4 एवं 7) प्रोन्नति (पदप्रोन्नति) में एक वेतनवृद्धि का प्रावधान है। संघ इस विभागीय निर्णय या रिकवरी का कड़ा विरोध करता है। इसे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा और संघ की ओर से जोरदार आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने ने कहा है कि जब उच्चतर पद पर प्रोन्नति में कोई वित्तीय लाभ ही नहीं मिलेगा तो प्रोन्नति का क्या मतलब? यह प्राकृतिक न्याय के भी विरूद्ध है। विभाग व सरकार शिक्षकों का आंदोलन झेलने को तैयार रहे।