- जल निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों का सात करोड़ वेतन बकाया, आर्थिक तंगी से जूझ रहा है विभाग

-कई ने टाल दी बेटियों की शादी की तारीख, तीन महीने से नहीं मिला है वेतन, पेशन भी बकाया

- मुख्यालय से ही नहीं मिल आ रहा है वेतन, राजस्व मद से किया जाता है भुगतान

VARANASI

राजेश अपनी बेटी की शादी दिसंबर में करने वाले थे लेकिन उन्होंने लड़के वालों से आगे की तारीख मांगी है। क्योंकि उनके पास बेटी के हाथ पीले करने के लिए पैसा नहीं है। उन्हें डर भी है कि उनकी बेटी की शादी टूट न जाए। राजेश जल निगम में काम करते हैं और उन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। अब वह बेटी की शादी की तारीख तभी रख पाएंगे जब उन्हें वेतन मिल जाए या जीपीएफ का भुगतान हो।

ये कहानी सिर्फ राजेश की नहीं बल्कि जल निगम के सभी कर्मचारियों की है। कोई अपनी पत्नी का इलाज नहीं करा पा रहा है तो कोई बेटी की शादी के लिए वेतन की आस में बैठा है। क्योंकि उन्हें भी कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण वह भुखमरी की कगार पर आ गये हैं।

सात करोड़ का है बकाया

बनारस जल निगम में लगभग पांच सौ कर्मचारी है। जिन्हें पिछले तीन-चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। जो करीब सात करोड़ रुपये का बकाया हो गया है। इसके साथ ही रिटायर्ड लोगों को पेंशन देना भी इनके लिए मुहाल हो गया है। कई लोगों ने जीपीएफ के लिए भी अप्लाई किया है लेकिन वह भी नहीं मिल रहा है। जीपीएफ मिल जाने से परिवार में पड़ने वाले कई कार्यक्रम को वह पूरा कर सकते हैं।

भुखमरी की कगार पर कर्मचारी

वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी भुखमरी के कगार पर आ गये है। तीन से चार महीने से वेतन न मिलने से जमा पूंजी भी खत्म होने लगी है। कई लोग ऐसे हैं जिनके परिवार में कोई बीमार है और वह उसका इलाज नहीं करा पा रहा है। ऐसे हालात के साथ जीने को मजबूर इन लोगों के सामने कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।

वर्जन -----

बेटी की शादी के लिए फरवरी में तारीख तय की थी लेकिन उसे टालना पड़ा। वेतन तो दे नहीं रहे जीपीएफ का पैसा ही दे देते तो कुछ गाड़ी आगे बढ़ती।

सत्यनारायण मौर्य, पंप ऑपरेटर

पत्नी की तबीयत पिछले काफी वक्त से खराब है। वेतन न मिलने से इलाज कराना भी मुश्किल हो गया है। दवा तक खरीदने का पैसा भी नहीं रहता है।

महेश चंद्र गुप्ता, वर्क एजेंट

ख्8 अप्रैल को बेटी का ब्याह करना है लेकिन वेतन और जीपीएफ के भुगतान न होने से समझ नहीं आ रहा है कि कहा से इंतजाम किया जाए। इसके कारण परिवार भी परेशान है।

होरी लाल सिंह, पंप ऑपरेटर

दिसंबर में बेटी की शादी की तारीख तय थी लेकिन उसे टालना पड़ा क्योंकि पैसा है ही नहीं। समझ नहीं आ रहा है कि पहले बेटी की शादी टूटेगी या पहले वेतन मिलेगा।

राजेश श्रीवास्तव, ऑपरेटर

मुख्यालय से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण किसी भी कर्मचारी को वेतन देना मुश्किल हो गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों का करीब सात करोड़ रुपये वेतन बताया हो गया है।

आरके द्विवेदी, चीफ इंजीनियर, जल निगम