डॉक्टरों की नई नियुक्ति लटकी हुई

राज्य में आयुष डॉक्टरों का वेतनमान 9300-34800 है, जबकि आयुष के अंतर्गत ही काम कर रहे कंपाउंडरों व नर्सों का वेतनमान भी इतना ही है। इस पद्धति के डॉक्टरों का ग्रेड पे 4200 है और इतना ही ग्रेड पे कंपाउंडरों और नर्सों का भी है। डॉक्टरों द्वारा इस ओर ध्यान आकृष्ट कराए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कई बार इसमें सुधार का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा, लेकिन वित्त विभाग ने हर बार इसे वापस स्वास्थ्य विभाग को लौटा दिया। फिलहाल यह मामला लटका हुआ है। इसका खामियाजा सैंकड़ों डॉक्टर उठा रहे हैं। वहीं, इस कारण नियुक्ति नियमावली में भी पेंच फंसने से झारखंड में 10 वर्षों से डॉक्टरों की नई नियुक्ति लटकी हुई है।

वेतन निर्धारण के क्रम में त्रुटि हुई

2009 में राज्य सरकार द्वारा फिटमेंट कमेटी की अनुशंसा पर पुनरीक्षित वेतन निर्धारण के क्रम में यह त्रुटि हुई। तब से अबतक यह वेतनमान ही लागू है। वित्त विभाग द्वारा फिटमेंट कमेटी की अनुशंसा के आलोक में 28 फरवरी, 2009 को वेतन निर्धारण संबंधी जारी अधिसूचना में और भी कई त्रुटियां हैं। आयुष चिकित्सकों के पदों को होमियोपैथी चिकित्सक, वैद्य, हकीम आदि दर्शाया गया है, जबकि वर्तमान में इन पदों का नाम आयुष चिकित्सा पदाधिकारी हो गया है। आयुष चिकित्सकों की मानें तो वित्त विभाग ने तृतीय वेतन पुनरीक्षण समिति के समय के पदनाम को ही हूबहू उतार दिया था।

न्यायालय में याचिका भी दाखिल की

वित्त विभाग आयुष चिकित्सकों का वेतनमान 4200 ग्रेड पे मानता है, जबकि आयुष चिकित्सक 5200 का दावा ठोंक रहे हैं। आयुष निदेशक डॉ. नुमान अहमद भी कहते हैं कि वह स्वयं कई बार विभाग के शीर्ष पदाधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठा चुके हैं। उनके अनुसार, इस वेतन विसंगति के विरोध में चिकित्सक एसोसिएशन ने न्यायालय में याचिका भी दाखिल की है। उधर, वित्त विभाग ने कह दिया है कि अब हाई कोर्ट द्वारा आनेवाले आदेश के आलोक में ही कोई कार्रवाई होगी।

Report by नीरज अंबष्ठ, रांची

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