-तीसरे दिन भी जारी रही स्वास्थ्य विभाग के लिपिकों की हड़ताल

-वेतन प्रपत्र बनाने का काम ठप, बीमारी भत्ता के लिए भटक रहे आवेदक

UNNAO:

यूपी मेडिकल एण्ड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश में चल रही स्वास्थ्य विभाग के लिपिकों की हड़ताल से विभागीय कामकाज तो बाधित है ही साथ ही आम लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र, बीमारी अवकाश के प्रार्थनापत्रों का निस्तारण और कर्मचारियों के वेतन बनाने का काम भी बंद है। इससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को समय से वेतन न मिलने पर भी संशय के बादल छा गए हैं। इससे आम लोगों से लेकर विभाग के कर्मचारी तक परेशान हैं। बुधवार को तीसरे दिन भी स्वास्थ्य विभाग के लिपिकों ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया।

आठ सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को तीसरे दिन भी स्वास्थ्य विभाग के लिपिक हड़ताल पर रहे। विभागीय काम काज से विरत कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय में धरना सभा कर निदेशक प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के विरुद्ध नारेबाजी की। एसोसिएशन जिलाध्यक्ष सीबी यादव व महामंत्री सुबोध त्रिपाठी ने कहा कि निदेशक प्रशासन लिपिकों की जायज मांगों को स्वीकार न कर अडि़यल रवैया अपनाए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अब लिपिक अपने हक के लिए आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। जब तक प्रोन्नति, समायोजन जैसी आवश्यक मांगों का समाधान नहीं किया जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

लिपिकों की हड़ताल होने से वेतन आहरण की पत्रावली तैयार करने का काम भी ठप है। इससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर डॉक्टर तक के वेतन बनाने का काम ठप है। इससे उन्हें समय से वेतन मिल पाने की संभवना भी कम नजर आ रही है। स्वास्थ्य प्रमाण, बीमारी भत्ता की पत्रावलियों आदि का काम ठप है, इससे जो भी सीएमओ कार्यालय या अस्पताल पहुंच रहे हैं, वह मायूस होकर वापस लौट रहे हैं। शबाना बेगम, अरुण श्रीवास्तव, नीरज निगम, केसी पाण्डेय, योगेंद्र कुमार राठौर, नीलम शुक्ल, रज्जनलाल मिश्र, कुसुमलता, ध्रुवनारायण, पंकज चौरसिया, शहिदा, राकेश श्रीवास्तव, मधुलिका, सुरेश गौतम, प्रदीप कुमार, पंकज चौरसिया, ओमप्रकाश सिंह, रामकुमार, आरती देवी, उमेश कुमार, प्रेमचंद्र भारती, राजेश यादव, मनोज चौरसिया, प्रदीप यादव आदि धरने में शामिल रहे।

ऑडिट टीम को नहीं मिले अभिलेख

ऑडिट ऑफिसर नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में महालेखाकार इलाहाबाद से आई ऑडिट टीम बुधवार को सीएमओ कार्यालय पहुंची, लेकिन लिपिकों के हड़ताल पर होने से उसे रिकॉर्ड नहीं मिल, जिसकी वजह से वह बैरंग लौट गए। टीम के सदस्यों ने बताया कि ख्म् मई तक ऑडिट किया जाना है। सीएमओ कार्यालय का ऑडिट ख्फ् मई के बाद किया जाएगा।