दिन भर सोशल मीडिया पर नोटबंदी को लेकर चलता रहा कमेंट का दौर

कहीं नोटबंदी की मनी पुण्यतिथि, कहीं नोटबंदी के बाद दूसरे कदम उठाने पर चर्चा

ALLAHABAD: साल भर पहले देश में नोटबंदी का आदेश आज के ही दिन हुआ था। 8 नवम्बर की शाम को अचानक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रात 12 बजे के बाद हजार और पांच सौ रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने की बात कही थी। इसके बाद पूरे साल नोटबंदी को लेकर अलग-अलग रिएक्शन आते रहे। अब एक साल पूरे होने पर बुधवार को एक बार फिर नोटबंदी का जिन्न बाहर निकल आया। हर कोई नोटबंदी को लेकर चर्चा करता दिखा। सोशल साइट्स पर दिन भर नोटबंदी को लेकर कमेंट आते रहे।

सोशल साइट्स पर दिखे कई रंग

सोशल साइट्स पर कोई नोटबंदी की पुण्य तिथि मना रहा था तो कोई एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री की ओर से करप्शन खत्म करने के लिए दूसरे कठोर कदम उठाने की घोषणा कर रहा था। यही नहीं सोशल साइट्स पर नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री के चिरपरिचित अंदाज मित्रों के साथ हजार-पांच सौ के नोटों को श्रद्धांजलि दी गई।

वाट्सएप पर आते रहे मैसेज

फेसबुक और ट्विटर ही नहीं, वाट्सअप भी नोटबंदी के मैसेज की सुनामी से बच नहीं पाया। वाट्सअप पर नोटबंदी को लेकर अलग-अलग कमेंट और चर्चाएं होती रहीं। आफिस से लेकर घरों और मोहल्लों तक लोगों के बीच नोटबंदी के एक साल पूरे होने का मुद्दा छाया रहा।

20 और 5 के नोट की फोटो वायरल

नोटबंदी की पुण्य तिथि मनाने के साथ ही बुधवार को 20 और पांच के नए नोट की फोटो वाट्सअप पर जमकर वायरल हुई। हर कोई 20 और पंाच रुपये के नए नोट को देखने के लिए उत्सुक दिखा। शाम होते-होते नई नोट को लेकर हर तरफ लोग जानकारी एकत्र करने में जुटे रहे। हालांकि लोगों को इन नए नोटों के जारी होने की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी, इसके बाद भी लोगों में 20 और पांच के नए नोट को देखने की उत्सुकता बनी रही।

पूरी तरह फेल रही नोटबंदी

नोटबंदी के एक वर्ष पूरे होने पर पूरे देश में यही चर्चा हो रही है कि नोटबंदी से देश को फायदा हुआ या फिर नुकसान? इलाहाबाद के राजनीतिक दलों के साथ ही अन्य संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन व गोष्ठी कर केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को स्वतंत्र भारत का अब तक का सबसे खराब फैसला बताया।

जिला व शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के फैसले का विरोध करते हुए जिला मुख्यालय पर काला दिवस मनाया। मेयर पद के प्रत्याशी विजय मिश्रा ने कहा कि नोटबंदी आजाद भारत का सबसे खराब फैसला है। जिसकी वजह से अमीरों का काला धन सफेद हुआ और गरीबों का नुकसान हुआ। युवा कांग्रेस अध्यक्ष विपिन मिश्रा के नेतृत्व में नोटबंदी के विरोध में काला दिवस मनाया गया। समाजवादी युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष रविंद्र यादव ने बैठक कर नोटबंदी को देश विरोधी बताया गया।

नोटबंदी के विरोध में संयुक्त व्यापार मंडल महानगर इलाहाबाद के व्यापारियों ने बांह पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया व काला दिवस मनाया। आम आदमी पार्टी की ओर से आठ नवंबर को धोखा दिवस रैली का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत सुभाष चौराहे से हुई। नोटबंदी के फैसले को देश के साथ धोखा करार दिया गया।