- पूर्व मंत्री और सपा विधायक मनोज पांडेय से एटीएस ने की पूछताछ

- कन्नौज विधायक अनिल दोहरे का सोमवार को बयान दर्ज करेगी एटीएस

- सीट नंबर 80 के आसपास बैठे कई सपा विधायक भी जांच के घेरे में

LUCKNOW :

विधानसभा में खतरनाक विस्फोटक मिलने के मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस के राडार पर कई सपा विधायक आ गये हैं। राज्य सरकार भले ही इसे आतंकी साजिश करार दे रही है लेकिन एटीएस ने अपनी जांच की शुरुआत सपा विधायकों से पूछताछ से शुरू कर दी है। शनिवार को एटीएस की टीम ने पूर्व मंत्री व रायबरेली के ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज कुमार पांडेय से गहन पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने विस्फोटक देखे जाने से इंकार कर दिया। वहीं आईजी एटीएस असीम अरुण ने दूसरे सपा विधायक अनिल दोहरे को भी पूछताछ के लिए जब फोन किया तो उन्होंने कन्नौज में होने और सोमवार को लखनऊ आकर बयान दर्ज कराने की बात कही।

80 नंबर सीट पर बैठे थे

दरअसल विधानसभा के मुख्य मंडप कवरेज के लिए लगे डोम कैमरे को खंगालने से पता चला कि 11 जुलाई को बजट पेश होने के दौरान मनोज पांडेय और अनिल दोहरे बारी-बारी से उसी सीट नंबर 80 पर बैठे थे जहां से घातक विस्फोटक पीईटीएन बरामद हुआ था। जांच के दायरे में वे सपा विधायक भी आ रहे हैं जो 11 जुलाई को सीट नंबर 80 के आसपास बैठे थे। एटीएस ने इनकी भी फेहरिस्त तैयार कर ली है और जल्द ही पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। इसके अलावा शनिवार को बाकी बचे मार्शल और कर्मचारियों से भी बारी-बारी से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए गये। एटीएस के अधिकारी इन बयानों को क्रॉस चेक करने में जुटे हैं। इसके अलावा सबसे पहले विस्फोटक को देखने वाले कांस्टेबल अशोक यादव को भी बुलाया गया। उसने बताया कि विस्फोटक देखने के बाद उसने मार्शल जोगिंदर सिंह पुंडीर को सूचना दी थी जिसके बाद इसकी जानकारी चीफ मार्शल को दी गयी।

आउटसोर्सिग पर सफाई

हैरत की बात यह है कि हाई सिक्योरिटी जोन विधानसभा के मुख्य मंडप की सफाई का जिम्मा एक निजी कंपनी पीसीएस को आउससोर्सिग पर दिया गया था। इसे ध्यान में रखते हुए एटीएस ने उन सभी छह सफाईकर्मियों को भी बुलाकर पूछताछ की जिन्होंने 10 जुलाई की रात और 11 जुलाई की सुबह मुख्य मंडप की सफाई की थी। सूत्रों की मानें तो इनमें से कुछ कर्मचारी शक के दायरे मे हैं। हालांकि अभी तक उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। एटीएस यह भी पता लगा रही है कि इन कर्मचारियों का पुलिस वैरीफिकेशन कराया गया था कि नहीं। साथ ही इस कंपनी में कौन-कौन लोग काम करते है।

15 लोगों से हो चुकी पूछताछ

एटीएस ने इस मामले को लेकर अभी तक कुल 15 लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए है। इनमें एक असिस्टेंट मार्शल, चार इंजीनियर, दो बीडीएस और डॉग स्क्वायड के सुरक्षाकर्मी, एक एयरकंडीशनर ऑपरेटर और सात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। एटीएस ने आज भी विधानभवन की सुरक्षा को बारीकी से खंगाला। इस दौरान एटीएस के कमांडो भी मुस्तैद दिखे।

मैंने नहीं देखा पाउडर

जांच के दायरे में आए पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय से दिलकुशा कॉलोनी स्थित उनके आवास पर आज दोपहर एटीएस के एसपी उमेश श्रीवास्तव और सीओ दिनेश पुरी ने पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने एटीएस को बताया कि वे 11 जुलाई को सीट नंबर 80 पर बैठे थे लेकिन उन्होंने किसी तरह का कोई पाउडर नहीं देखा। अगर देखा होता तो इसकी जानकारी वह सदन को जरूर देते। एटीएस ने उनसे यह भी पूछा कि उनके अलावा और कौन-कौन उस सीट पर बैठा था। साथ ही आसपास कौन से विधायक बैठे थे। एटीएस ने उनका पूरा बयान दर्ज कर लिया है जिसका परीक्षण किया जा रहा है।

शक के दायरे में विध्ायक क्यों

दरअसल एटीएस को अभी तक ऐसा कोई सुराग या इंटेलिजेंस इनपुट हाथ नहीं लगा है जिससे यह पता चलता हो कि विधानसभा में विस्फोटक रखवाने में किसी आतंकी संगठन का हाथ हो सकता है। इसी वजह से विधायक, मार्शल और सफाईकर्मी ही शक के दायरे में आ रहे है। साथ ही कुछ विधायकों की पृष्ठभूमि को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि वह ऐसी शरारतपूर्ण हरकत अंजाम दे सकते हैं।

फिर मिला संदिग्ध पाउडर

वहीं देर रात सफाई के दौरान विधानभवन में फिर से संदिग्ध पाउडर बरामद किया गया। सूत्रों की मानें तो यह पाउडर गैलरी में लगे एक नोटिस बोर्ड के ऊपर रखा था। इसे तुरंत सीलबंद कर जांच के लिए भेजा जिसमें इसकी पहचान मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में हुई। एटीएस के मुताबिक यह पैकिंग मैटीरियल में डाइंग एजेंट के रूप में इस्तेमाल होता है। पुलिस ने यह पाउडर एटीएस के सुपुर्द कर दिया है जिसे अग्रिम जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजने की तैयारी है।

इनसे 15 लोगों से पूछताछ

1. अखिलेश कुमार - असिस्टेंट इंजीनियर

2. वीरेंद्र दुबे- जूनियर इंजीनियर

3. यतींद्रनाथ सिंह- जूनियर इंजीनियर

4. गुलफाम- एसी ऑपरेटर

5. सुरेश कुमार दुबे- जूनियर इंजीनियर

6. राकेश कुमार सिंह- मुख्य आरक्षी सुरक्षा

7. अशोक कुमार- बीडीएस टीम

8. सुरेश कुमार राजभर- व्यवस्थापक

9. राजकुमार पाल- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

10. अनिल कुमार- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

11. मनोज कुमार- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

12. शमीम अब्बासी- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

13. विनय मिश्रा- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

14. हनीफ- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

15. मदन वाल्मीकि- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी