पश्चिम बंगाल के गवर्नर पं। केशरीनाथ त्रिपाठी के 84-वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुआ कार्यक्रम

ALLAHABAD: हर व्यक्ति को अपने आयुष्य को गतिमान बनाए रखना चाहिए। इससे उम्र बढ़ती है। जन्मदिन और अपनी उम्र के प्रति सचेत रहना चाहिए। क्योंकि यह वर्ष में एक बार खुद को अवलोकन करने का दिन होता है। यह बातें पश्चिम बंगाल के गर्वनर पं। केशरीनाथ त्रिपाठी ने अपने 84-वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर गुरुवार को कही।

जस्टिस ने की अध्यक्षता

वह यहां विज्ञान परिषद में साहित्य संगम द्वारा आयोजित उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर साहित्य संगम वैचारिकी विशेषांक के विमोचन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। संस्था के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयाग ने हमें बहुत कुछ दिया है। इस दौरान उन्हें सम्मान पत्र व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता जस्टिस गिरिधर मालवीय ने की। संचालन संतोष जैन व धन्यवाद ज्ञापित देवव्रत द्विवेदी ने किया। इस मौके पर डॉ। शिव गोपाल मिश्रा, डॉ। मंजू सिंह, आलोक चतुर्वेदी, डॉ। अनुपम आनंद आदि मौजूद रहे।

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पुस्तक का किया विमोचन

कर्मयोग सेवा समिति द्वारा गुरुवार को शांतेश्वर प्रसाद विद्या मंदिर में पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के गर्वनर पं। केशरीनाथ त्रिपाठी ने महामना के जीवन व विचारों पर आधारित काव्य रचना 'पारिजात के मकरंद' का विमोचन किया। साथ ही डॉ। शैलेश कुमार पांडेय को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर शिक्षक भारती सम्मान से नवाजा। संचालन समिति के महासचिव डॉ। राजेश कर्मयोगी ने किया।