-मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अब तक महज 35 फीसदी हुई शादियां

-31 मार्च तक पूरा करना है टारगेट, खोजे नहीं मिल रहे हैं आवेदक

Varanasi@inext.co.in

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए जोड़े खोजे नहीं मिल रहे हैं। फैक्ट ये है कि अब तक दो विवाहोत्सव में महज 35 फीसदी शादियां हो सकी हैं। आवेदकों की संख्या भी 45 फीसदी तक ही पहुंच सकी है। ऐसे में 31 मार्च तक लक्ष्य पूरा करने में विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर डीएम के निर्देश पर जिला समाज कल्याण अधिकारी ने सभी ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर को पत्र लिखकर फिर से एलर्ट किया है। बता दें कि इस योजना के तहत गरीब परिवारों से लड़के-लड़कियों की शादी कराई जाती है।

टारगेट 476, विवाह हुए 176

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत डिस्ट्रिक में 476 विवाह कराने का टारगेट दिया गया है। इसका जिम्मा समाज कल्याण विभाग को मिला है। लेकिन अब तक डीएलडब्ल्यू और बड़ागांव में आयोजित सामूहिक विवाह आयोजनों में क्रमश: 117 और 59 यानी कुल 176 विवाह कराए गए हैं। 23 मार्च को काशी विद्यापीठ ब्लॉक और 24 मार्च को हरहुआ बीआरसी पर आयोजन होना है। काशी विद्यापीठ में 11 जोड़ों की शादी होगी। लेकिन हरहुआ के लिए विभाग अभी तक जरूरी फार्मेलिटी पूरी नहीं कर पाया है। इससे जोड़ों की संख्या स्पष्ट नहीं हो पाई है।

ऑफलाइन है आवेदन प्रक्रिया

सामूहिक विवाह योजना के लिए पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन है। शादी योग्य जोड़ों को अपने एरिया के बीडीओ के यहां आवेदन करना होता है। फिर सेकेट्री और सेक्टर एडीओ सम्बंधित गांव में जाकर पड़ताल करते हैं। आवेदकों के पात्र होने पर एडीओ अपनी रिपोर्ट देते हैं। इसके बाद बीडीओ ऑफिस से संस्तुति समाज कल्याण विभाग को भेजी जाती है। फिर शादी के लिए जोड़ों को विवाहोत्सव में बुलाया जाता है।

प्रति जोड़ा शादी का खर्च 35 हजार

इस योजना में प्रति जोड़े के विवाह पर 35 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। इसमें से बीस हजार रुपये दुल्हन के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेजा जाता है। दस हजार रुपये में मोबाइल, चांदी की पायल, बिछिया, सिलाई मशीन समेत अन्य उपहार दिए जाते हैं। पांच हजार रुपये शादी की व्यवस्था करने पर खर्च होता है। इस योजना के तहत कम से कम दस जोड़ों की एक साथ शादी हाेती है।

कागजी कोरम में फंसी योजना

सीएम सामूहिक विवाह योजना सरकारी लालफीताशाही और कागजी कोरम पूरा करने में फंस गई है। इसकी ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू करने से लेकर विवाह कराने तक इतनी फार्मेलिटीज हैं, जिसको तमाम आवेदक पूरा नहीं कर पाते। अगर कोरम पूरा हो भी गया तो रही सही कसर जांच करने गए सेकेट्री और सेक्टर एडीओ पूरी कर देते हैं। कर्मचारी तमाम नियम, कायदे बताकर आवेदक को उलझा देते हैं, जिससे प्रदेश सरकार के फ्लैगशिप प्लान को पलीता लग रहा है।

वर्जन-

सीएम सामूहिक विवाह योजना में प्रगति के लिए सभी बीडीओ को पत्र लिखा गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि 31 मार्च तक जोड़ों को ढूंढकर स्थान और तिथि तय करें। योजना का लक्ष्य पूरा करने में कुछ बाधाएं आ रही हैं। फिर भी कोशिश है कि लक्ष्य पूरा हो जाय।

आरके यादव, जिला समाज कल्याण अधिारी

एक नजर

-सीएम सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले को एक करोड़ 66 लाख 60 हजार रुपये मिले हैं।

-इस योजना में रूरल एरिया में आवेदकों की आय सीमा 46080 रुपये होनी चाहिए।

-अर्बन एरिया में आवेदकों की आय सीमा 56460 रुपये फिक्स की गई है।

- 31 मार्च तक योजना का लक्ष्य पूरा करना है।

- अब तक कुल 225 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

- दो आयोजनों में महज 176 विवाह कराए गए हैं।