- मुंशी पुलिया के पास पानी गांव में गंदगी की वजह से फैल रही बीमारियां

- पैसे देने पर ही होती है सफाई, वरना महीनों बजबजाती रहती हैं नालियां

LUCKNOW : जगह-जगह कचरे का ढेर, गलियों के किनारे पटी नाले की सिल्ट, बजबजाती नालियां और टूटी फूटी सड़क। ये पहचान है राजधानी के मुंशी पुलिया एरिया स्थित पानी गांव की। ये गंदगी यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है। कचरे की वजह से जमा आवारा पशुओं से राहगीर परेशान होते हैं। लोग हर वक्त दुर्गध और गंदगी झेलने को विवश हैं। अब तो घरों में बैठना भी दूभर हो गया है। गंदगी और मच्छरों की वजह से यहां बीमारियां भी फैल रही हैं। रोजाना की तो बात दूर है, भूले-भटके ही नगर निगम के कर्मचारी सफाई के लिए यहां भटकते हैं।

महीनों तक नहीं होती नालों की सफाई

यहं सबसे बड़ी समस्या नालों में बहने वाला गंदा पानी है। रोज सुबह नालों से आसपास के चट्टों से निकलने वाले गोबर को बहा दिया जाता है। जिससे भीषण बदबू फैल जाती है। नालों में पड़े कचरे के कारण पानी जमा हो जाता है। लोगों से बात करने पर पता चला कि यहां पर नालों की सफाई तो महीनों नहीं होती। नालों का पानी भी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है। नाली की सफाई की बात कहो तो कर्मचारी कहते हैं कि ये हमारे इलाके में नहीं आती।

टूटी-फूटी सड़कों से भी परेशानी

कूड़ा उठने की सही व्यवस्था न होना बड़ी समस्या है। लोगों खाली पड़े प्लॉट में घरों का कूड़ा फेंक देते हैं। कई बार नगर निगम और क्षेत्रीय पार्षद से शिकायत की गई, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं होती है। लोगों ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या सड़कों की है। कुछ दूर तो इंटर कॉलिंग का काम पूरा कर दिया गया है, पर गांव के अंदर की रोड अभी भी टूटी हुई है। इस कारण आए दिन लोग चोटिल हो जाते हैं।

बस मुआयना होता कार्रवाई नहीं

सफाई के बारे में पूछा तो एक जनाब बोले कि क्षेत्र की समस्या को लेकर आज ही दो-दो ईमेल नगर निगम को भेजे। दोपहर के समय नगर निगम के लोग मुआयना करके चले गए। उनका कहना था आपकी बताई समस्या उतनी बड़ी नहीं है। इसे कुछ समय बाद सही कराया जाएगा। विद्या भूषण सिंह ने बताया कि इस एरिया में एक नाली एक वार्ड में है तो दूसरी किसी और में, एक पार्षद काम कर देता है तो दूसरा नहीं सुनता। क्षेत्र की समस्या को लेकर कई बार शिकायत की है पर कोई कारवाई नहीं हुई है।

हैंडपम्प से आता है गंदा पानी

इस पूरे क्षेत्र में आबादी के अनुसार केवल दो-तीन हैंडपंप हैं। ये सभी बहुत पुराने हैं। काफी मशक्कत के बाद इनसे पानी निकलता है और वो भी पीने लायक नहीं होता है। पानी भरकर रखने के आधे घंटे बाद वह पीला हो जाता है। कई बार हैंडपम्प के पाईप पर जंग निकलता है। उधर, सप्लाई वाला पानी इतना नहीं आता कि दिन भर का काम चल सके। कभी भी तो वह भी बदबूदार आता है। ऐसे में क्षेत्र के लोग हैंडपंप पर निर्भर हैं। लालजी बताते हैं कि जिन लोगों के पास पैसा है, उन्होंने अपने घरों में समरसिबल लगा लिया है। जिस कारण से ग्राउंड वाटर लेवल 165 फीट से भी नीचे चला गया है। जिस कारण से हैंडपंप सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं।

फैल रही है बीमारी

लालजी बताते हैं कि नालियों की सफाई रेगुलर न होने के कारण क्षेत्र में बीमारियां पैर पसार रही हैं। नगर निगम कर्मचारी कई बार फोन करने पर आते हैं और नाले की सिल्ट गलियों में इकट्ठा करके चले जाते हैं। गंदगी और पानी जमा होन से मच्छर पनप रहे हैं, जिसके कारण क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप फैल रहा है। हर घर में कोई न कोई बीमार पड़ा हुआ है।

क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या यहां की नालियों का साफ न होना है। आए दिन सड़क के दोनों तरफ की नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं। कई बार फोन करने के बाद भी नगर निगम के कर्मचारी सफाई के लिए नहीं आते हैं। आते भी हैं तो केवल एक तरफ की नाली साफ करके चले जाते हैं। रोड पर झाडू तक नहीं लगाई जाती है।

- शिव प्रकाश, क्षेत्रीय निवासी

कई बार शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या कूड़ा और टूटी हुई रोड है। शिकायत दर्ज कराकर केवल पूछताछ करने के लिए कर्मचारी तो आ जाते हैं पर समस्या का निराकरण अभी तक नहीं हुआ है। कई बार पार्षद और नगर निगम का चक्कर काट चुका हूं।

- विद्या भूषण सिंह, क्षेत्रीय निवासी

पानी की सबसे बड़ी समस्या है। सप्लाई वाला पानी कभी पर्याप्त नहीं मिलता है। कभी आधा घंटा तो कभी पौन घंटा, कभी भी तो पानी इतना बदबूदार होता है कि उसे पीना मुश्किल होता है। ऐसे में पानी के लिए जिनके घरों में समरसिबल पम्प लगा हुआ है, उनसे पानी मांगना पड़ता है।

- रूकमणि मिश्रा, क्षेत्रीय निवासी

रोड काफी खराब है, आधी सड़क तो इंटर लॉकिंग कर दी गई है पर गांव के अंदर की सड़कें अभी तक नहीं बनी हैं। क्षेत्र में साफ-सफाई की कमी है। कूड़ा कभी समय से नहीं उठता है, महीनों पड़ा रहता है। क्षेत्र में चट्टा होने के कारण लोग खाली प्लाट में गोबर फेंक देते हैं। जिस कारण से पूरे क्षेत्र में बदबू फैली रहती है। इसे उठवाने का कोई साधन नहीं है।

- अभिषेक मिश्रा, क्षेत्रीय निवासी

नालों की सिल्ट निकालकर नालों के किनारे रख दी गई है। सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। जो लोग पैसा देते हैं, उनके घरों के पास के नालों की सफाई होती है और कूड़ा उठाया जाता है। बाकी जगहों को ऐसे ही छोड़ देते हैं।

- लालजी, क्षेत्रीय निवासी

बीमारियां क्षेत्र में पैर पसार रही हैं। पीने का साफ पानी नहीं है। हैंडपम्प से पीला पानी आता है। रोड के किनारे कूड़ा लगा रहता है।

- सोहन लाल, क्षेत्रीय निवासी