छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: पुलिस ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह के सहयोगी कारोबारी संजय पलसानिया व होटल सिटी इन के मालिक विनोद सिंह को शनिवार को कोर्ट में पेश किया। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। इससे पहले दोनों की महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराई गई। संजय पलसानिया की जांच करते हुए एमजीएम अस्पताल हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। जीएस बड़ाइक ने हॉस्पिटल में भर्ती करने की सलाह दी है। इसके बाद कोर्ट बंद हो जाने के कारण संजय पलसानिया व विनोद सिंह को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विशाल गौरव के आवासीय कार्यालय ले जाया गया। जहां संजय पलसानियां के वकील प्रकाश झा ने लंबी बहस की। इसके बाद न्यायाधीश ने दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया। अधिवक्ता प्रकाश झा द्वारा मेडिकल ग्राउंड के आधार पर संजय पलसानियां को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की गुजारिश पर बाद में सुनवाई करने की बात कही।

गोलमुरी में दर्ज हुआ था मामला

टाटा स्टील से जुड़े स्क्रैप कारोबारी से रंगदारी लेने के संबंध में गोलमुरी थाना में 29 अगस्त 2016 को अखिलेश सिंह के अलावा जसबीर सिंह, प्रभात शर्मा, नुनू झा उर्फ सब्बू, बलबीर सिंह, प्रभात शर्मा और संतोष कुमार पर रंगदारी मांगने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस को सूचना मिली थी कि टीनप्लेट में अखिलेश सिंह के सहयोगी बलबीर सिंह के घर में उपरोक्त सभी आरोपी जमा हैं और स्क्रैप व्यापारियों से रंगदारी मांगने की रणनीति बन रही है। पिछले दिनों जब गैंगस्टर अखिलेश सिंह को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ की थी तो उस मामले में संजय पलसानियां व विनोद सिंह का नाम भी सामने आया। इसके साथ ही पुलिस जब संजय पलसानियां व विनोद सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ही एक दूसरे के शामिल होने की बात कही।

वकील ने किया विरोध

आरोपी संजय पलसानिया के अधिवक्ता प्रकाश झा ने गोलमरी कांड संख्या 156/16 में आरोपी बनाकर जेल भेजने का जज के समक्ष पुरजोर विरोध किया। अधिवक्ता का कहना था कि 29 अगस्त 2016 को अखिलेश सिंह, के अलावा जसबीर सिंह, नुनू झा उर्फ सब्बू, बलबीर सिंह, प्रभात शर्मा और संतोष कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया था। अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में अक्टूबर 2016 को तीन आरोपियों नुनू झा उर्फ सब्बू, प्रभात शर्मा और संतोष कुमार सिंह पर चार्जशीट दाखिल हुई। बाकि तीन अभियुक्त अखिलेश सिंह, जसबीर सिंह, बलबीर सिंह पर अनुसंधान जारी रहा। इसके पश्चात पुलिस ने 14 जुलाई 2017 को अखिलेश सिंह को फरार घोषित करते हुए अनुसंधान को बंद कर दिया। अधिवक्ता प्रकाश झा का कहना था कि जब अनुसंधान बंद कर दिया गया तो पुराने मामले में किसी आधार पर संजय पलसानियां का नाम जोड़ कर जेल भेजा जा रहा है। इस दौरान रिमांड अधिवक्ता विलय कुमार गुप्ता उपस्थित थे।

अखिलेश ने रिमांड के दौरान दी थी जानकारी

गैंगस्टर अखिलेश सिंह को जब पुलिस ने दो दिनों के रिमांड पर लिया था। तो उसने पुलिस को बताया था कि दिल्ली में इंडिवर कार संजय पलसानिया ने ही खरीद कर दी थी। नाम उसमें संजय अग्रवाल था, जबकि अन्य कागजात संजय पलसानिया के ही थे, वहीं दूसरी ओर विनोद सिंह के बारे में भी बताया गया था कि उसने जमशेदपुर में संजय पलसानियां के साथ मिलकर ऑडी कार अखिलेश सिंह को भेंट की थी। पुलिस को यह भी जानकारी मिली थी कि कोर्ट परिसर में मारे गए झामुमो नेता उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद संजय पलसानियां ने हत्यारे को नई कार उपलब्ध कराई थी। उसी कार पर उपेंद्र सिंह के हत्यारे शहर में घूमते थे।