- सीबीएसई ने वेबसाइट पर अपलोड किया साफ्टवेयर

- स्कूल प्रबंधन को अपने प्रदर्शन के बारे में समझने का मौका मिलेगा।

Meerut केंद्रीय माध्यमिक बोर्ड ने अपने सभी स्कूलों के लिए एक सॉफ्टवेयर वेबसाइट पर अपलोड किया है। इस सॉफ्टवेयर की सहायता से स्कूल मैनेजमेंट को यह समझने का मौका मिलेगा कि उनके यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट कितना बेहतर सीख पाए हैं। और उनकी एजुकेशन में कहां पर क्या कमी रही है। इसके साथ ही स्कूलों को यह भी पता लगेगा कि बच्चों के सुधार में कहां पर गुंजाइश बाकी है।

सॉफ्टवेयर करेगा मदद

सीबीएसई का यह सॉफ्टवेयर वाकई ही स्कूलों में एजुकेशन स्ट्रक्चर को सही रखने के लिए मदद करेगा। इसके तहत केवल स्टूडेंट की ही नॉलेज नही मिलेगी। बल्कि यह भी पता लगेगा कि शिक्षक का प्रदर्शन स्कूल में कैसा रहा है और वह स्टूडेंट को क्या पढ़ा रहे हैं और उनकी समझ में आ भी रहा है या नही। स्कूल कौन से विषयों में बेहतर परिणाम दे रहा है और कौन से में कमजोर पड़ रहा है। इन सभी का डेटा स्कूल बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध सॉफ्टवेयर की मदद से जान सकेंगे।

बेहतर बनाना है स्कूलों की चुनौती

बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी ने अभी कुछ दिन पहले इस पर विचार किया है। उनके अनुसार काफी समय से स्कूलों के बीच एक कम्पटीशन चला आ रहा है। जिसके तहत वह अपने स्कूल को कैसे बेहतर बनाए। इस चुनौती को दुरुस्त करने के लिए ही यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है। सीबीएसई ने इस सॉफ्टवेयर को सारांश नाम दिया है। क्योंकि इस टूल की खासियत है कि सारी गणना करके स्कूल प्रबंधन को यह सॉफ्टवेयर खुद ही मूल्यांकन करने का मौका देगा। सारांश की गणना से हर स्कूल अपने यहां की क्लास नौ व दसवीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट की सीसीई मूल्यांकन की रिपोर्ट। क्लास नौ व ग्यारहवीं तक का पीसीए टेस्ट व क्लास इंटर के पूर्ण मूल्यांकित स्थिति स्कूल प्रबंधन के सामने आ सकेगी।

सारी स्थिति पर दिया जाएगा ध्यान

सारांश की गणना से स्कूल प्रबंधन को अपनी परफामेंस का भी पत लग सकेगा कि वह किस लेवल पर है और किस क्लास का क्या स्तर है। इतना ही नही हर च्च्चे की परफोमेंस कैसे है गणना के दौरान सारी स्थितियों का फीचर नंबर चार्ट व ग्राफ के रुप में बनाकर दर्शाया जाएगा। जिससे इन आंकड़ों को आसानी से समझा जा सके। इसक आधार पर स्कूलों को अपने स्कूलों व अन्य स्कूलों के साथ तुलना करने का मौका मिलेगा।

सारांश टूल में स्कूल प्रबंधन को अपना एफिलिएशन नंबर और आईडी डालकर लॉगइन करना है और उसके बाद जो भी डिटेल फिल करने के लिए आए, उसे भरते जाना है। इस प्रक्रिया में देश भर के सभी सरकारी निजी व सीबीएसई, केवी से संबंधित सभी स्कूलों को जोड़ा गया है।

डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर

सॉफ्टवेयर संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु

- अगर किसी विषय में एक विषय के अंदर अधिकांश बच्चों के नंबर कम आ रहे हैं तो इसके लिए शिक्षक में सुधार की आवश्यकता है।

- ऐसे ही सीसीई पैटर्न में नैतिक शिक्षा से जुड़े विषय होंगे जो स्टूडेंट के सभ्य व्यवहार को परिभाषित करेंगे।

- सारांश सॉफ्टवेयर टूल से 2007 से लेकर 2009 तक का पिछला हाल के स्कूली शिक्षा स्तर का भी आंकलन किया जा सकता है।

- ऐसे में जहां जो कड़ी कमजोरी मिलती है तो उसमें सुधार किया जाएगा व स्कूल को खुद को मजबूत बनाना होगा।