- सरावां ग्राम पंचायत के लोगों की है डिमांड, सालभर से नहीं आई नहर, सूख रहे धान

LUCKNOW: मलिहाबाद से चंद मिनट की दूरी पर मौजूद सरावां ग्राम पंचायत। यहां के दशहरी आम दुनियाभर में मशहूर हैं। मगर बुनियादी सुविधाओं के नाम पर यह अति पिछड़े इलाके की तरह है। ग्रामीणों का आरोप है कि नेता सिर्फ चुनाव में आते हैं और सुविधाओं के नाम पर छलकर चले जाते हैं। इस कारण स्थानीय लोग खुद को ठगा महसूस करते हैं। जीत के बाद कोई देखने नहीं आता और समस्याएं जस की तस। अब ग्रामसभा में एक बार फिर ग्रामीणों से वादों की बौछार की जा रही है। मगर लोगों का कहा, 'इस बार जाति-धर्म के नाम पर कोई फंडा काम नहीं आएगा। जीतेगा वही जो विकास कराएगा.' उन्होंने कहा कि बस बिजली और पानी मिल जाए और कुछ नहीं चाहिये।

बर्बाद हो रही फसल

बुनियादी सुविधाओं की कमी और बिजली पानी की समस्या के कारण पूरी ग्राम सभा के लोग परेशान हैं। कहने को पूरी ग्रामसभा में नहर की पहुंच है। लेकिन लेकिन सूखी हुई नहरों से खेतों और जानवरों की की प्यास नहीं बुझती। ग्राम पंचायत की फरीदी पुर के गंगा कृष्ण यादव कहते हैं कि ऐसी नहर भी है और बिजली भी। लेकिन न तो नहर में पानी है न ही नलकूप चलाने के लिए बिजली समय पर आती है। गांव वालों के अनुसार जिन लोगों के खेतों में धान की फसल है वह सूख रही है। बहुत से लोगों को मजबूरी में अपने धान काटकर जानवरों को खिलाने की नौबत आ गई है। क्योंकि अब धान बेकार जाएगा। जानवरों के लिए बोया गया चारा भी सूख रहा है। सूखा ही काट काट कर जानवरों को खिलाने के दिन आ गए हैं। पूरा साल बीत गया लेकिन पानी नहीं आया। जिसके कारण जानवर कों पानी नसीब नहीं हो पा रहा तो खेत सूखने की कगार पर हैं। प्राइवेट बोरिंग से लोग खेत सींच रहे हैं लेकिन उसका खर्च बहुत अधिक है। जो सबकी पहुंच में नहीं है। जिसके कारण छोटे किसानों की फसल न होने से भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे हैं। गांव के लोगों के पास आम की बागें हैं और आफ सीजन में कलम का रोजगार ही मेन कमाई का जरिया है। लेकिन सूखे और नहर में पानी न आने के कारण यह भी चौपट हो रहा है।

सामुदायिक केंद्र तक नहीं

फरीदीपुर में न तो स्कूल हैं न ही अस्पताल। न सामुदायिक केंद्र न पंचायत भवन। जिसके कारण गांव में शादी बारात या किसी अन्य आयोजन के लिए जगह ही नहीं है। गांववालों का मानना है कि आरसीसी रोड ये अधिक जरूरी सामुदायिक केंद्र है। वहीं गांव के राम सिंह बताते हैं कि प्रधान मलिहाबाद में अपनी दुकान चलाते हैं। ज्यादातर लोग उनसे मिल सकते हैं लेकिन कई बार वह भी हाथ खड़े कर देते हैं।

जनप्रतिनिधियों तक ही सुविधाएं

सरावां के ही एक किसान ने बताया कि जो भी सुविधाएं आती हैं वह ग्राम प्रधान, बीडीसी तक ही होती है। जिला पंचायत सदस्य तो कभी दर्शन भी देने नहीं आते। गरीबों को पक्के मकान की सुविधा है लेकिन सबको नसीब नहीं। हैंड पंप भी आते हैं लेकिन सबके लिए उपलब्ध नहीं। सरावां गांव के रघ्घू बताते हैं कि उन्हें समाजवादी पेंशन चलाई गई लेकिन उनके नाम नहीं आया। समस्या ये भी है कि बहुतों को मालूम ही नहीं था कि आवेदन कहां करना है।

सालों पहले जब गांव में बिजली आई तो 5-6 कनेक्शन थे। अब बढ़कर 40-50 हो गए। लेकिन ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी नहीं बढ़ाई गई। जो बिजली आती है वह भी न के बराबर है। बल्ब जलता है लेकिन रोशनी नहीं।

संदीप कुमार, टिकरी खुर्द

नहर की सुविधा होने के बावजूद नलकूप से सिंचाई करनी पड़ रही है। जिसके पास नलकूप नहीं उनकी फसल चौपट हो रही है। बिजली भी परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

राम चंद्र, टिकरी खुर्द

गांव में स्कूल या सामुदायिक केंद्र बनवाया जाए। ताकि शादी बारात के लिए सुरक्षित स्थान मिल सके। इसके कारण अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

सतेंद्र कुमार

हमें फ्री की चीजे नहीं चाहिए। बुनियादी चीजे मिल जाएं तो गांव के लोग खुद ही रोजगार कर लेंगे। लेकिन यहां पर चुनाव में सिर्फ लोग वादा करने आते हैं उसके बाद कोई झांकने नहीं आता। किसानों की फसल सूख रही है लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं।

सुरेश सैनी

नहर तो है लेकिन पानी नहीं आता। बिजली कनेक्शन तो लेकिन बिजली ही गायब रहती है। सरकार इन्हीं को दे दे। बिजली , पानी से ही किसान खुशहाल हो जाएगा।

गंगा कृष्ण यादव, फरीदीपुर

रोड लाइट लग गई लेकिन जलती कभी नहीं। बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भी नहीं है। नरेगा की कमाई ठेके पर चली जाती है। इसलिए फ्री की जगह ऐसी सुविधाएं मिले जिनसे लोगों का भला हो।

वीरेंद्र कुमार

सरकार की तरफ से योजनाएं तो बहुत हैं। लेकिन यहां तक आ नहीं पाती। शौचालय लोगों के घर में नहीं हैं। आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं। हाई स्कूल इंटर की पढ़ाई के लिए कई किमी। दूर जाना पड़ता है।

पवन कुमार, फरीदीपुर

वर्तमान बीडीसी

एससी राकेश, 1235 में से 294 वोट मिले थे।

वर्तमान प्रधान

अनारक्षित सीट से अवधेश कुमार ने जीत हासिल की थी। जिसमें उन्हें 251 वोट मिले थे।

फैक्ट फाइल-

गाम पंचायत-सरावां

वोटर- 1654

आबादी- 3000

बुनियादी सुविधाएं --

- पंचायत से 3 किमी। दूर बैंक

- तीन किमी। दूर हॉस्पिटल

- तीन किमी। दूर पोस्ट आफिस

- प्राइमरी स्कूल सरावां में

- इंटर कॉलेज तीन किमी। दूर