स्पेशल

- 30 प्रतिशत से भी कम हुई है इस बार कमाई

-मेले की जानकारी न होने के कारण नहीं पहुंच रहे है लोग

BAREILLY:

लघु कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक्सपो और एग्जिबिशन सरकार ऑर्गनाइज कराती है। ताकि, हस्त शिल्प कला को भी बाजार मिल सके। इन दिनों अर्बन हाट में सरस मेला लगा भी है, जहां बेहतरीन सामान अवेलेबल हैं, लेकिन यहां दुकानदारों को ग्राहक ही नसीब नहीं हो रहे हैं। क्योंकि, अधिकारियों ने सरकार की मंशा को अहमियत न देते हुए मेले का प्रचार प्रसार ही नहीं किया। नतीजा यह है कि दुकानदारों को मुनाफा तो दूर खर्चा निकालना भारी पड़ रहा है।

डेली का खर्च निकालना मुश्किल

बीते छह दिन से सरस मेला चल रहा है। हर सुबह इस उम्मीद से दुकानदार शॉप ओपन करते हैं कि आज उन्हें ग्राहक नसीब हो जाएंगे, लेकिन शाम ढलते-ढलते उन्हें फिर वही निराशा हाथ लगती है। लास्ट ईयर सरस मेला में आए बड़े दुकानदार दस दिन में जहां ढाई लाख रुपए तक कमाए थे, वह इस बार छह दिन में महज 20 हजार रुपए ही कमा सके। इतनी कम इनकम होने से उनका डेली का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। वह इसके लिए अधिकारियों की लापरवाही को दोषी ठहरा रहे हैं।

एग्जाम का भी असर

सीबीएसई बोर्ड और यूनिवर्सिटी के एग्जाम चल रहे हैं। इस वजह से भी स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स आउटिंग पर नहीं निकल रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि बिक्री कम होने की एक बड़ी वजह यह भी है। यही मेला एग्जाम शुरू होने से पहले लगाया जाता तो बिक्री में इतनी कमी नहीं आती।

होली से पहले लगना था मेला

दुकानदारों का कहना था कि सरस मेला होली से पहले लगता तो शायद बिक्री अधिक हुई होती। हर बार मेला होली से पहले ही लगता था तो अच्छी बिक्री होती थी, लेकिन इस बार मेला बाद में लगा तो इससे भी दुकानदारी पर फर्क पड़ा है।

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इस बार मेले में आके कोई फायदा नहीं हुआ सोचा था हर बार की तरह इस बार भी अच्छी कमाई होगी, लेकिन अभी 6 दिनों में तो कुछ भी नहीं हुआ।

- विक्की, शॉप ओनर

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मेले में तो कुछ नहीं बचा अलबत्ता जो घर से लाए थे वो भी खत्म हो रहा है। बिक्री से सिर्फ खाने तक के पैसे भी मुश्किल से निकल पाते है। इस बार तो खाना भी मुश्किल हो गया है।

-रामसेवक शॉप ओनर

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मार्च की मार पड़ रही है साहब, पिछले साल अधिक बिक्री हुई थी, लेकिन इस साल तो कुछ भी कमाई नही हुई है। इन 6 दिनों में जो 2 से ढाई लाख की बिक्री होनी चाहिए थी वो सिर्फ 25 हजार की हुई है।

- मो। अरशद शॉप ओनर

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मेरा जरी का काम है, जो बरेली में होता भी है और पसंद भी है। लेकिन फिर भी पूरे दिन में खाने के पैसे निकलते है। जब पिछले महीने इंदौर में था तो अच्छी बिक्री हुई थी, लेकिन यहां कुछ नहीं बिक्री हो रहा है। - मो। इलियास शॉप ओनर