आयोजकों को दिया करारा जवाब
मंगलवार को सेमीफाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें हारा हुए घोषित करने से निराश भारतीय मुक्केबाज सरिता देवी ने आज करारा जवाब दिया. सरिता ने मेडल वितरण समारोह में आज ब्रॉन्ज मेडल पहनने से मना कर दिया और इस पदक को अपने करीब खड़ी उसी कोरियाई बॉक्सर को थमा दिया जिससे वो मुकाबला हारी थीं. इसके साथ ही पूरी मेडल सेरेमनी के दौरान सरिता की आंखों से आंसू बहते रहे. हालांकि अब ये पदक आयोजकों के पास है. इससे पहले भारतीय दल ने जजों के फैसले के खिलाफ अपील भी की थी लेकिन इसको ठुकरा दिया गया.

क्या हुआ था मंगलवार को
दरअसल, महिला बॉक्सिंग में 57-60 किलो लाइटवेट वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में 32 साल की इंडियन बॉक्सर सरिता देवी काफी उम्मीदों के साथ रिंग में उतरी थीं. सरिता का मुकाबला मेजबान देश कोरिया की जीना पार्क से था. पूरे मुकाबले में सरिता पूरी तरह से पार्क पर हावी नजर आईं और आलम ये था कि वहां मौजूद कोरियाई दर्शक भी शांत हो गए थे क्योंकि सब जान चुके थे कि जीत सरिता की ही होगी. जजों ने पहला राउंड जहां कोरियाई खिलाड़ी के नाम किया था वहीं दूसरा राउंड सरिता के नाम रहा था वहीं तीसरे राउंड में सरिता का प्रदर्शन इतना जोरदार था कि उनके करारे प्रहार से पार्क के चेहरे से खून तक निकलने लगा. इसके बावजूद जजों ने पार्क को उस राउंड का विजेता घोषित किया. खैर, सरिता ने हिम्मत नहीं हारी और फाइनल राउंड में सरिता का प्रदर्शन और भी बेहतर हो गया. सबको अंदाजा लग चुका था कि कोरियाई खिलाड़ी ये मुकाबला हार जाएंगी लेकिन फिर आया जजों का चौंकाने वाला फैसला जिसमें सीधे तौर पर कोरियाई खिलाड़ी को 3-0 से विजेता घोषित कर दिया गया. इसके बाद क्यूबा से आए भारतीय कोच फर्नान्डेज ने साफ तौर पर कहा कि ये मुकाबला फिक्स ही था. मैच में जो हुआ और जो नतीजे आए, वो तो यही कहते हैं.

फिर शुरू हुआ बवाल
जैसे ही जजों का फैसला आया भारतीय खेमे में फैंस और अधिकारी स्तब्ध रह गए. किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या क्योंकि रिंग के आसपास बैठे सभी लोगों ने देखा था कि कोरियाई खिलाड़ी मुकाबले में कहीं भी नहीं टिकी थीं. सरिता की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे और इसी बीच उनके पति थोइबा सिंह भी सामने आये और उन्होंने जजों को गुस्से में सबके सामने अपशब्द कहते हुए ये तक कह डाला कि उन्होंने उनसे मेडल छीन लिया है. इसके बाद थोइबा से वहां मौजूद सुरक्षा अधिकारियों से झड़प तक हो गई. सरिता ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि उन्होंने ट्रेनिंग करने के लिए अपने बच्चे तक को दूर रखा था और ऐसे में जब कोई ऐसा विवाद सामने आएगा तो दुख तो लाजमी है.

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