चचा योगराज के गुस्से की सजा युवराज को क्यों?

धोनी भाई चचा योगराज के गुस्से की सजा युवराज को क्यों दे रहे हो... स्पिन ट्रैक पर एक ओवर भी नहीं देते... ऐसी क्या नाराजगी... अरे महाराज हैट्रिक ले चुका है युवराज। क्या सुरेश रैना से भी गया गुजरा हो गया बॉलिंग में... आपकी खुंदक के चक्कर में दो बार हारते हारते बचे हैं हम... पाकिस्तान के खिलाफ मीडियम पेसरों से गेंद फिंकवा रहे थे आप। युवी के ओवर क्या पीएफ में डाल कर ब्याज लेना है... वो भी कम कर रहे हैं जेटली साहब... पाकिस्तान से उस पिच पर उतने रन बनवा दिए थे कि अपने स्प्वॉल्ड ब्रैट कोहली ने अनुष्का का गुस्सा पाकिस्तान पर न निकाला होता तो निपट गए होते हम। और बांग्लादेश वाले तो बुडबक थे जो हार गए... आखिरी के तीन में से दो क्यों विकेट फेंक गए वो तो अब उनसे खालिदा जिया समझेंगी और आखिरी को आपने फांस लिया।

ऐसे करोगे कंगारुओं का शिकार! मान भी जाओ धोनी भइया

ज्यादा रन बनवाए तो हौंक डालेंगे वो...

दिमाग के बल पर मिस कराया और उसेन बोल्ट बन कर करेंट मार दिया... पर भइया ये कंगारू बहुत बड़े वाले हैं... इनके ज्यादा रन बनवाए तो हौंक डालेंगे वो... विकेट तो वो आसानी से फेंकते नहीं और उनके बराबर दौड़ भी न पाएगा कोई... इसलिए जिद छोड़ दो... भूल चूक लेनी देनी... चाचा योगराज को माफ करो... अडिय़लपना छोड़ दो... अगर पिच स्पिन को मदद करे तो युवी की ओर गेंद उछाल देना... और भइया ई रैना ने कितनी बार आपकी हर्ले डेविड्सन साफ की है जो बैटिंग में आगे भेज देते हो उसे... बाउंसी गेंद नहीं खेल पाता ठीक से, आजकल आउट ऑफ फॉर्म भी है... काहे को रगड़े जा रहे हो।

ऐसे करोगे कंगारुओं का शिकार! मान भी जाओ धोनी भइया

आप खुश तो बुढ़ापे में नेहरा जवान

राहाणे का आचार डालना है क्या... कंगारुओं के खिलाफ रैना भइया से कहो आराम करें... उनसे न हो पाएगा... वैसे आप खुश हो जाओ तो बुढापे में नेहरा को जवान बना दो... और न पसंद हो तो मनीष पांडे भरी जवानी खेलने को तरसें... उम्र तो अब आपकी भी हो रही है पर जब तक अफरीदी 18 साल के हैं आप अपने को जवान समझो... अरे भइया... रैना बाहर बैठ जाएगा एक मैच में तो क्या हुआ... जडेजा तो है न... आपको खुश करने के लिए... जितनी बार सब्जी लाया है आपके घर की उससे ज्यादा फल पाया है...

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कंगारू चिकाई बहुत लेते हैं... अरे वही स्लेजिंग

और भइया फील्ड तो ठीक से लगाओ... कैसी फील्ड सजाते हो कि कैच बूमरा और अश्विन के पास ही जाता है... बूमरा, नेहरा और अश्विन को मैदान में दुल्हनियां की तरह छिपाओ... अब बूमरा के लिए गेंद रबड़ की तो हो नहीं जाएगी... अब बूढ़ा तोता राम राम सीखेगा भी नहीं... इनके ओवर के बाद इनसे गेंद दूर ही रहे इसी में भलाई है... और नेहरा का एक और फायदा है... कंगारू चिकाई बहुत लेते हैं... अरे वही स्लेजिंग... जब कोई ज्यादा उड़े तो नेहरा से कह दो अपने दांत दिखा दें बिल्ला बाले... देखो हारना मत... जो बता रहे हैं समझो... गलती करोगे तो निपट जाओगे... अगर जिद छोड़ कर कप्तानी की तो कोई हरा न पाएगा आपको... बाकी मर्जी आपकी... आखिर घर का शीशा है आपका...

(बुरा न मानो होली है)

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