- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने की शिरकत

- 45 आईएफएस अफसर हुए पास-आउट, कैडर हुए आवंटित

DEHRADUN: हर वनाधिकारी का पहला क‌र्त्तव्य वनों की रक्षा करना है, वे प्राकृतिक संसाधन प्रबंधक के रूप में काम करें और वैज्ञानिक साधनों का उपयोग करते हुए प्रकृति का संरक्षण करें। शुक्रवार को राष्ट्रपति दून के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों से रूबरू थे।

कम नहीं हैं चुनौतियां

दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी द्वारा युवा अफसरों को जो प्रशिक्षण दिया गया है वह भविष्य में उन्हें कठिन चुनौतियों के लिए तैयार करेगा। इस दौरान राज्यपाल डॉ। केके पॉल ने कहा कि उत्तराखंड देश के सबसे समृद्ध वन क्षेत्रों में से एक है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा कि उन्हें नए वन अधिकारियों पर विश्वास है कि वे वन संरक्षण, वनों से स्थानीय लोगों को आजीविका उपलब्ध करवाने के साथ ही क्लाइमेट चेंज की चुनौती का मुकाबला कर सकेंगे। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नए अफसरों को बताया कि वनाधिकारी के रूप में उनका करियर काफी चुनौतियों भरा है, जिससे उन्हें निपटना है।

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वेटिंग में 9 प्रिशक्षु अफसर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सत्र ख्0क्भ्-क्7 में भारतीय वन सेवा के नौ प्रशिक्षु अधिकारी ऐसे भी रहे, जो शुक्रवार को हुए दीक्षांत समारोह का हिस्सा नहीं बन पाए। विभिन्न कारणों से उनका कोर्स पूरा न होने के कारण एकेडमी ने उनके परिणाम पर रोक लगाई है। ये अफसर बिहार, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश व राजस्थान कैडर के हैं।

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पुनीत गोयल सर्वोत्त्‍‌ाम प्रक्षिशु

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी से ब्भ् नए आईएफएस अफसर देश की सेवा के लिए तैयार हैं। इन्हें राज्य कैडर भी आवंटित किए जा चुके हैं। अकादमी के सर्वोत्तम प्रशिक्षु अधिकारी का अवॉर्ड एमपी कैडर के पुनीत गोयल को मिला, जबकि बेस्ट ऑलराउंडर फॉरेस्टर का अवॉर्ड तमिलनाडु कैडर की थेनमोझी वी व कोर फॉरेस्ट्री विषय में टॉपर का खिताब मध्य प्रदेश कैडर के नवीन गर्ग को मिला।