-पहले चरण में आठ जिलों का किया गया चिह्निकरण

DEHRADUN: जल संरक्षण के लिए अब बड़े स्तर पर अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके लिए पहले चरण में 8 जिलों का चयन किया गया है। हर जिले से 500 गांवों का चिह्निकरण किया जाएगा। वहीं हर गांव से 11-11 वालेंटियर्स भी चयनित किए जाएंगे।

दी जाएगी जल संरक्षण की जानकारी

मंगलवार को राजपुर रोड स्थित नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएमम) डीएन मगर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जल संरक्षण के साथ ही पेयजल और सिंचाई को लेकर नाबार्ड ने राज्य के लिए खाका तैयार किया है। इसमें आठ जिलों बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी व उत्तरकाशी में से प्रत्येक में भ्00 गांव शामिल किए जाएंगे। प्रत्येक जिले में एक मास्टर ट्रेनर और दो जलदूत तैयार किए जाएंगे। यह गांव-गांव जाकर लोगों को जल संरक्षण के पारंपरिक व आधुनिक तरीकों की जानकारी देंगे। अभियान मई से जून तक मानसून सीजन से पहले चलेगा।

क्भ्00 समूह हुए डिजिटल

सीजीएम डीएन मगर के अनुसार राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) पहाड़ में नेट बैंकिंग की राह आसान करने जा रहा है। ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था को इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए नाबार्ड ने क्भ्.ब्9 करोड़ की लागत से ब्भ्फ् सोलर पैनल से संचालित वी-सैट की मंजूरी दी है। इनमें से क्ब्0 के करीब वी-सैट स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष की उपलब्धियों को रखते हुए कहा कि नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म् के मुकाबले ख्.7 फीसद की वृद्धि के साथ क्9क्7.7म् करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। कहा कि स्वयं सहायता समूहों को डिजिटल बनाने की दिशा में काम हो रहा है। दून के क्भ्00 समूह का काम हो चुका है और सभी एक मोबाइल ऐप से जुड़ गए हैं। इस दौरान नाबार्ड के महाप्रबधंक एसएन चालिया, उप महाप्रबंधक केबी दुआ आदि अधिकारी मौजूद रहे।