- गैलाना क्षेत्र का सीडीओ ने किया भ्रमण

- गंदे पानी को चैक डैमों के माध्यम से किया जा रहा शुद्ध

आगरा। यमुना का प्रदूषण से मुक्त कराए जाने की मुहिम में एक और पहल शुरू हो गई है। वर्षो से प्रक्रिया जरूर चल रही थी, लेकिन अधिकारियों का सहयोग न मिलने के कारण यह प्रयास सफलता की ओर नहीं बढ़ पा रहा था, लेकिन सीडीओ नगेंद्र प्रताप ने ठोस पहल शुरू कर दी है। गैलाना रोड स्थित अ‌र्द्ध विकसित क्षेत्र का दौरा कर यह मंथन किया कि यमुना में गिरने वाला गंदा पानी कैसे रोका जा सकता है।

यमुना में नहीं गिरेगा पानी

मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य रमन व सीडीओ नगेंद प्रताप सहित अन्य अधिकारियों ने गैलाना रोड स्थित अ‌र्द्ध विकसित क्षेत्र का भ्रमण किया गया। इस 25 हैक्टेयर के क्षेत्र के अन्दर ककरैठा, मऊ, गैलाना की घनी आबादी के अलावा विभिन्न कॉलोनियों का गन्दा पानी जंगल से होते हुए यमुना में जाता था, उस पानी को रोकने के लिए जंगल में चैक डैम से रोके जाने का कार्य चल रहा है।

भूमिगत जल रीचार्ज करने का चल रहा कार्य

उस क्षेत्र में वर्षा जल को रोक कर ग्रीन फिल्टर द्वारा भूमिगत जल रीचार्ज करने का कार्य किया जा रहा है। तालाबों के किनारे ऐसी प्रजातियों के पेड़ों को लगाया जा रहा है, जिससे प्रदूषित जल में से हानिकारक तत्वों को शोषित कर प्रदूषित जल को हानिकारक तत्वों से मुक्त करता है।

कई विभागों के द्वारा कराए गए हैं कार्य

इस क्षेत्र में वर्ष 2010 से 2015 तक मनरेगा सहित अन्य विभागों से कार्य कराया जा चुका है। सीडीओ ने उपस्थित सभी खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि इस का अभिनव प्रयोग जनपद में अन्य स्थानों पर भी किया जा सकता है। जिससे गन्दगी की सफाई होगी और हरियाली बढ़ने से जन सामान्य को लाभ मिलेगा। निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक सचिन यादव, राजीव सक्सैना, यमुना एक्शन प्लान, भूगर्भ जल विभाग, उपायुक्त मनरेगा सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित थे।