- फतेहाबाद पहुंची संतों की पदयात्रा का जोरदार स्वागत

- बिहार, पश्चिमी बंगाल, बिहार झारखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश के संतों ने भी किया जनजागरण

फतेहाबाद: यमुना बचाओ अभियान के तहत यमुना शुद्धीकरण के लिए साधु-संतों की पदयात्रा मंगलवार को फतेहाबाद पहुंची। राधे-राधे के जयकारे लगाते चल रहे साधु-संतों का जगह-जगह स्वागत किया गया। संतों ने दोहराया हथिनी कुंड में कैद यमुना को बचाना ही उनका संकल्प है।

बटेश्वर से वृंदावन तक निकाली जा रही संतों की पदयात्रा मंगलवार सुबह आठ बजे करीब बसई अरेला से फतेहाबाद पहुंची। कस्बे के बाह तिराहे पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख पिनाहट राजन सिंह परिहार के नेतृत्व में पदयात्रा में शामिल 150 साधु-संत और साध्वियों का फूल माला से जोरदार स्वागत किया गया। पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे संत वंदनदास महाराज ने बताया कि बटेश्वर ब्रज क्षेत्र में आता है। भगवान श्रीकृष्ण की चौथी पटरानी यमुना मैया यमुनोत्री से चली, लेकिन हथिनी कुंड हरियाणा में कैद कर ली गयी। इससे आगे यमुना नदी में एक बूंद पानी भी नहीं है। यमुना में लाखों लोगों का मल मूत्र, कारखानों व फैक्ट्रियों का केमिकल जहर के रूप में बह रहा है। जहरीला जल आगरा कैनाल में आने से किसानों की फसल जहरीली हो गयी है। इसके कारण ब्लड सुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक जैसी भयंकर बीमारियां फैल रही हैं। जलचर जीव समाप्ति के कागार पर हैं। बाबा बंदनदास ने बताया कि उनकी दो मांगें हैं। पहली हथिनी कुण्ड से यमुना को मुक्त कराना और दूसरी यमुना किनारे बसे शहरों में दूषित पानी की सप्लाई को रोकने के लिए समानान्तर नाले का निर्माण किया जाये। पदयात्रा में शामिल बंगाल, दरभंगा, राजस्थान, मप्र आदि स्थानों के साधु-संतों ने भी कस्बा फतेहाबाद में जनजागरण किया। पदयात्री यमुना को बचाना है, यह संकल्प हमारा है। यमुना में अविरल पवित्र जल बहे यही अभियान हमारा है के अलावा राधे-राधे के जयकारे लगाते हुए चल रहे हैं। पदयात्रा 35 दिन बाद वृंदावन पहुंचेगी। यात्रा में शामिल साधु सन्तों और ग्रामीण महिलाओं पुरुषों के लिए भोजन नाश्ता और औषधियों की भी निश्शुल्क व्यवस्था की गई है। पदयात्रा में बाबा वंदनदास, सीयारामदास, कुसुम शर्मा, प्राचार्य फक्कड़ बाबा, अंजली कुमार, जगदीश, शिवदयाल, नारायण दास, आनंद दास, बाबा रामदास, नाहरि दास, आरके पाठक, राजन सिंह परिहार आदि शामिल थे।