- प्रदेश की प्राइवेट यूनिवर्सिटी ने लागू किया नियम

- एडमिशन से पहले नशे के खिलाफ देना होगा शपथ पत्र

- उत्तरांचल यूनिवर्सिटी ने नशा उन्मूलन की दिशा में लिया फैसला

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DEHRADUN: युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए अब शिक्षण संस्थान नया तरीका अपना रहे हैं। इसके तहत हाल ही में एक यूनिवर्सिटी ने अनोखा फैसला लिया है। फैसले के मुताबिक अगर स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में एडमिशन चाहिए तो उसे पहले नशीले पदार्थो का सेवन न करने की कसम खानी होगी। इतना ही नहीं नशे से लड़ने और लोगों को जागरूक करने के लिए बाकायदा शपथ पत्र भी देना होगा।

राजधानी की प्राइवेट यूनिवर्सिटी नियम कायदों के मामले में लगातार कड़ा रुख अपनाती आई हैं। इसी क्रम में दून स्थित उत्तरांचल यूनिवर्सिटी ने नशे के खिलाफ जागरूकता लाने के मकसद से नए एडमिशन में नशे के खिलाफ शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया है। यानि जो स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के कोर्सेज में एडमिशन लेगा उसे सबसे पहले नशीले पदार्थो का सेवन न करने और इसे लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य करने के लिए एफिडेविट देना होगा।

युवाओं को जागरूक करना मकसद

यूनिवर्सिटी के चांसलर जितेंद्र जोशी का कहना है कि छात्र असमय मौत का शिकार बन रहे हैं, आत्महत्या करने वाले युवाओं के मामलों में अधिकांश युवा नशे के आदी पाये जा रहे हैं। जो कि चिंता का विषय है। इसी को देखते हुए अब यूनिवर्सिटी नशे के खिलाफ लड़ने का कार्य करेगी। इसके तहत यूनिवर्सिटी ऐसे स्टूडेंट्स को एकत्र करने का काम कर रही है जो नशामुक्त समाज बनाने में सहभागी बन सके। इसके अलावा यह स्टूडेंट्स उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर भी जागरूकता का कार्य करेंगे। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने आगामी सत्र से होने वाले एडमिशन में शपथ पत्र को अनिवार्य कर दिया है। ताकि नए स्टूडेंट्स को भी इस मुहिम में आगे लाया जा सके।

वर्जन----

यूनिवर्सिटी के स्वयं सेवक छात्र पुलिस अधिकारियों के दिशा निर्देशन में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में जाएंगे और वहां नशे के निरुद्ध जागरूकता लाने का कार्य करेंगे। एडमिशन से पहले शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा। नशे के खिलाफ यूनिवर्सिटी की यह मुहिम स्टूडेंट्स को नशे से दूर रखने और समाज को जागरूक करने का काम करेगी। बाकी संस्थानों में जाकर भी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स अभियान को लेकर जागरूक करेंगे।

----- डा। राजेश बहुगुणा, प्रिंसिपल, लॉ कॉलेज, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी