PATNA : करोड़ों रुपए के जीपीएफ घोटाला मामले में पटना पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। घोटाले में संलिप्त स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दानापुर ब्रांच के असिस्टेंट मैनेजर अवधेश कुमार सिंह सहित म् आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो डाटा इंट्री ऑपरेटर, दो सहायक लिपिक और एक प्रभारी लेखापाल शामिल हैं। इन सभी को पुलिस ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है। ये सभी अवैध रूप से जीपीएफ एकाउंट से करोड़ों रुपए की निकासी में मास्टर माइंड रहे सुमन कान्त की मदद किया करते थे। जैसे-जैसे इस मामले में पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, ठीक वैसे ही गिरफ्तार होने वाली की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। करोड़ों रुपए के इस घोटाले में अब तक पटना पुलिस की टीम ने क्क् लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें मास्टर माइंड सुमन कान्त और दनियावां में मेडिकल ऑफिसर रहे एक डॉक्टर भी शामिल हैं।

- अधूरा भरते थे फॉर्म

जांच के दौरान पुलिस ने एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया। जीपीएफ एकाउंट से रुपए निकालने के लिए जो फॉर्म भरा जाता था, शातिर घोटालेबाज उस फॉर्म को अधूरा भरते थे। फॉर्म रुपए निकालने वाले का नाम तो होता था, पर एकाउंट नंबर उसमें नहीं भरा जाता था। फॉर्म में एकाउंट नंबर के कॉलम को घोटालेबाज ब्लैंक ही छोड़ देते थे। बाद में दूसरे का एकाउंट नंबर उसमें भर देते थे।

- एजी ऑफिस को खंगाला

शुरू से ही इस मामले को एसएसपी मनु महाराज काफी गंभीरता से ले रहे थे। इसलिए पालीगंज के एएसपी मिथिलेश कुमार सिंह की अगुआई में एक स्पेशल टीम बनाई। जीपीएफ घोटाले की एफआईआर एक नहीं बल्कि पालीगंज, पालीगंज, दानापुर, आलमगंज और दनियावां थाना में दर्ज है। स्पेशल टीम में इन चारों थानों के एसएचओ भी शामिल हैं। टीम ने जांच के दौरान पटना के एजी ऑफिस को खंगाला। जहां जीपीएफ से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई। इसके बाद ही एक के बाद एक खुलासे होते चले गए। फिर म् लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इनकी हुई गिरफ्तारी

क्। अवधेश कुमार सिंह, असिस्टेंट मैनेजर, दानापुर

ख्। नीरज कुमार, डाटा इंट्री ऑपरेटर

फ्। राज गौरव, डाटा इंट्री ऑपरेटर

ब्। ललन कुमार, सहायक लिपिक

भ्। राजेश कुमार शर्मा, सहायक लिपिक

म्। अजय कुमार सिन्हा, प्रभारी लेखापाल

एजी ऑफिस में डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई। जिसमें चौंकानेवाले खुलासे हुए। मिले सबूतों के आधार पर ही सभी को गिरफ्तार किया गया है।

मनु महाराज, एसएसपी पटना