आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर हियरिंग करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से आईपीएल और चैंपियंस लीग में कमर्शियल इंट्रेस्ट रखने वाले एडमिनिस्ट्रेटर्स और प्लेयर्स की लिस्ट की डिमांड की है. कोर्ट ने आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में एन श्रीनिवासन से कान्फिलिक्ट ऑफ बेनिफिट के मसले को काफी सीरियसली लिया और इस मामले की इन्वेस्टिगेशन कराने का डिसीजन भी लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने डिसाइड किया कि वह बीसीसीआई के रूल्स में उस कंट्रोवर्शिल अमेंडमेंड का इन्वेस्टिगेशन करेगा जिसके अंडर कान्फिलिक्ट ऑफ बेनिफिट के मसले पर डिस्कशन के दौरान ये सामने आया कि ऑफीशियल्स को आईपीएल और चैंपियंस लीग में टीमों की ओनरशिप मिल या दी जा सकती थी.  

सुप्रीम कोर्ट ने कान्फिलिक्ट ऑफ बेनिफिट के इश्यू् को रेलिवेंट बताते हुए कहा कि कंट्रोवर्शियल एमेंडमेंडस को चेक किया जाएगा. इस दौरान बीसीसीआई के रूल्स में इस प्रोविजन को शामिल करने के सवाल पर क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर एन श्रीनिवासन और आई एस बिंद्रा के बीच काफी हॉट डिस्कशन हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कामर्शियल इंट्रेस्ट रखने वाले एडमिनिस्ट्रेटर्स के साथ दूसरे सभी लोगों की लिस्ट सौंपने के लिए कहा और ये भी पूछा कि उसने किस तरह का कांट्रेक्ट एंटर किया और उसमें कौन लोग शामिल हैं. कोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि अगर ऐसे एडमिनिस्ट्रेटर्स को कमर्शियल बेनिफिट पाने वालों में शामिल किया जाए तो क्या फर्क पड़ेगा.

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