कोर्ट के आगे नहीं चली

कोयला घोटाले में विपक्ष के सवालों और हमलों से घिरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री का नाम एफआइआर में शामिल करने का निर्देश मांगने वाली अर्जी खारिज कर दी है. सीबीआइ ने एक बार फिर एजेंसी को नियंत्रणमुक्त करने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाया. सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा की ओर से दलील दी गई कि चाहे संयुक्त मोर्चा की सरकार हो, राजग की हो या संप्रग की सभी एजेंसी पर नियंत्रण चाहते हैं. मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी.

सीबीआइ ही करेगी जांच

मंगलवार को याची एमएल शर्मा ने कोयला ब्लॉक आवंटन में प्रधानमंत्री की भूमिका पर सवाल उठाया था. उन्होंने कुमार मंगलम बिड़ला व पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया. शर्मा ने उसे आधार बनाकर सीबीआइ को पीएम के खिलाफ कार्यवाही का निर्देश मांगा, लेकिन न्यायमूर्ति आरएम लोधा की पीठ ने मांग ठुकराते हुए कहा कि सीबीआइ जांच चल रही है. वही इसे भी देखेगी. शर्मा ने पूर्व मंत्रियों और नेताओं के सिफारिशी पत्रों का जिक्र करते हुए कहा, 'सरकार से पूछा जाए कि क्या इनके आधार पर ही आवंटन हुए थे.' इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी जांच चल रही है और वह निष्कर्ष पर पहुंच रहे हैं.

सीबीआइ होती बाबुओँ का शिकार

वहीं, सीबीआइ निदेशक की ओर से फिर सरकार में सचिव स्तर का दर्जा दिलाने की मांग की गई, ताकि वह सीधे मंत्री को रिपोर्ट कर सके. वकील अमरेंद्र शरण ने कहा कि इससे कामकाज में तेजी आएगी. अभी उनके अच्छे प्रस्ताव भी बाबूगीरी का शिकार हो जाते हैं और सरकार ने निदेशक को सचिव स्तर का दर्जा देने से साफ इन्कार कर दिया. शरण ने कहा कि वह जानते थे ऐसा ही होगा. कोई भी सरकार सीबीआइ पर नियंत्रण नहीं खोना चाहती. सरकार ने निदेशक को मुकदमों की पैरवी के लिए वकील नियुक्त करने का अधिकार देने से भी मना कर दिया. कोर्ट ने इस पर सरकार से लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है.

सुनवाई के खास बिंदु

-सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को जांच टीम में एक और अधिकारी शामिल करने की मंजूरी दी.

-सीबीआइ को कानूनी राय लेने के लिए दो प्रॉसीक्यूटर व सुप्रीम कोर्ट में अपने वकील से जांच रिपोर्ट साझा करने की इजाजत मिली.

-सीबीआइ ने सील बंद लिफाफे में 78 मामलों में जांच संबंधी 180 पेज की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी.

-गायब दस्तावेजों के संबंध में सीबीआइ ने दो प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की हैं.

-सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में मदद के लिए न्यायमित्र नियुक्त करने के संकेत दिए.

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