- 2006 से हो रहा खेल, सचिव समेत कई निशाने पर

- चेयरमैन ने तलब किया लेखाजोखा, जांच बैठाई

FATEHPUR : जिला सरकारी बैंक कर्मियों के भविष्य निधि में भी खेल हो गया है। कुल मिलाकर 14 करोड़ का गड़बड़ घोटाला बताया जा रहा है। इसके अंतर्गत एक सैकड़ा से अधिक सेवानिवृत्त कर्मियों को उनके भविष्य निधि में जमा राशि नहीं मिली है। इनमें से कई ने तो बैंक चेयरमैन उदय प्रताप उर्फ मुन्ना सिंह का घेराव करके अपना हक मांगा। चेयरमैन ने कर्मचारी निधि के सचिव को एक सप्ताह के अंदर भविष्य निधि का लेखाजोखा पेश करने की हिदायत दी है। साथ ही उन्होंने महाप्रबंधक को लेखाजोखा पेश न करने पर आरोपी कर्मियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसकी जांच कानपुर के चार्टेड एकाउंटेंट जीपी गुप्ता को दी गई है।

2001 में हुआ था गठन

वर्ष 2001 में सहकारी कर्मचारी भविष्य निधि का गठन किया गया था। बताते हैं कि इसका लेखा जोखा 5 वर्ष तो ठीक चला, लेकिन इसके बाद लड़खड़ा गया और कर्मियों के हक में ही खेल किए जाने लगे। सूत्रों के मुताबिक अब तक 14 करोड़ से अधिक का खेल किया गया। जांच के घेरे में भविष्य निधि के सचिव एवं कई और कर्मी भी हैं। बताते हैं कि कार्रवाई से बचने के लिए ही लेखाजोखा पेश करने से कतरा रहे हैं।

नहीं दे रहे लेखा जोखा

चेयरमैन ने महाप्रबंधक डीके सिंह से मामले की रिपोर्ट तलब की थी, जिसमें उन्होंने कहा था, आठ माह से भविष्य निधि के सचिव भगवानदीन यादव से लेखा जोखा मांगा जा रहा है, लेकिन वे नहीं दे रहे हैं। वर्ष 2006 के बाद से भविष्य निधि की रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है।

गड़बड़ी करने वाले नपेंगे

जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन का मामले पर कहना था, कर्मियों के भविष्य निधि में गड़बड़ी करने वालों की खैर नहीं है। चार्टेड एकाउंटेंट की रिपोर्ट का इंतजार है। मिलते ही दोषी कर्मियों पर कार्रवाई कर दी जाएगी ।

इसी सप्ताह पेश कर दूंगा

जिला सहकारी कर्मचारी भविष्य निधि के सचिव भगवानदीन यादव का कहना था, आरोप बेबुनियाद है। इसी सप्ताह लेखा जोखा की रिपोर्ट बोर्ड में पेश कर दूंगा। रिपोर्ट बनाने में कुछ समय लगता है। इसलिए देरी हो गई है।